बंटवारे के समय नेहरू ने खुदवा दी सड़क ताकि काफिले मिल न सकें
देशों से हजारों लोगों के काफिले बैलगाड़ी, ट्रेन या पैदल ही घर-बार छोड़कर दूसरे देश जाने के लिए निकलते थे।
नई दिल्ली। भारत का बंटवारा कर जब पाकिस्तान बना तो लाखों लोग विस्थापित हुए। इसे दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा ज्ञात मानव विस्थापन कहा जाता है। बंटवारे से करीब एक करोड़ लोगों को अपनी मिट्टी छोड़कर जाना पड़ा था। इसी दौरान एक वाकया ऐसा भी हुआ जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत से पाकिस्तान जा रहे हजारों लोगों के काफिले का रुख पलटाने के लिए बनी-बनाई सड़क खुदवा दी थी।
किस्सा कुछ यूं है कि बंटवारे के समय दोनों ही देशों से हजारों लोगों के काफिले बैलगाड़ी, ट्रेन या पैदल ही घर-बार छोड़कर दूसरे देश जाने के लिए निकलते थे। जवाहरलाल नेहरू ने ऐसे ही एक विशालकाय काफिले का हवाई निरीक्षण किया। इसमें करीब एक लाख लोग थे और काफिला दस मील लंबा था। ये लोग जालंधर से लाहौर जा रहे थे। इन्हें अमृतसर होते हुए जाना था जबकि अमृतसर में पहले ही पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) की ओर से आए करीब 70 हजार शरणार्थी जमा थे। ये उत्तेजित और गुस्से से भरे हुए थे।
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यह देख नेहरू की चिंता बढ़ गई कि दोनों काफिले यदि एक जगह मिल गए तो जो रक्तपात मचेगा, उसे कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने तुरंत निर्देश दिए कि अमृतसर की ओर जाने वाली सड़क काट दी जाए ताकि लाहौर जा रहे काफिले का रुख मोड़ा जा सके। तुरंत काम शुरू हुआ और सड़क काट दी गई। नतीजतन काफिला दूसरी दिशा में मुड़ गया और हजारों लोग खून-खराबे से बच गए। -नईदुनिया संदर्भ
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