96 साल की उम्र में दी पहली स्कूली परीक्षा और टेस्ट में लाई फुल मार्क्स
केरल में साक्षरता मिशन की योजना अक्षरलक्षम के तहत आयोजित स्कूली टेस्ट परीक्षा में 96 वर्षीय महिला ने शामिल होकर इतिहास रच दिया है।
अलप्पुझा (एजेंसी)। देश में पूर्ण साक्षरता वाला राज्य कोई है तो वह है केरल। दो दशक पहले ही केरल को पूर्ण साक्षरता वाला राज्य घोषित किया जा चुका है। लेकिन इसके बावजूद वहां अलग-अलग प्रकार के जन साक्षरता वाले अभियान जारी हैं ताकि जो भी कमी रह गई हैं उसे पूरा किया जा सके। दरअसल यूनेस्को के नियम के मुताबिक अगर किसी देश या राज्य की 90 फीसदी जनसंख्या साक्षर है तो उसे पूर्ण साक्षर मान लिया जाता है।
उम्र के अंतिम पड़ाव पर पढ़ने की ऐसी लालसा
अब नए अभियान के द्वारा केरल सरकार ने 100 फीसदी साक्षरता दर हासिल करने का लक्ष्य बनाया है जिसके तहत समाज के हर वर्ग, हर व्यक्ति को साक्षर बनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसी ही एक साक्षरता मिशन योजना के तहत 96 वर्षीय एक वृद्ध महिला की शिक्षा के प्रति जीजिविषा देखने को मिली।
केरल के अलप्पुझा में साक्षरता मिशन वाली योजना 'अक्षरलक्षम' के तहत आयोजित चौथी कक्षा की टेस्ट परीक्षा में शामिल 96 वर्षीय कार्त्यायिनी अम्मा इस बात से नाखुश थी कि क्योंकि उसने जितनी पढ़ाई की थी उतने प्रश्न परीक्षा के पेपर में नहीं पूछे गए थे। अम्मा की शिक्षिका और साथी ने ये बताया। इसमें खास बात ये है कि कार्त्यायिनी अम्मा ने 96 वर्ष की उम्र में अपने जीवन की न सिर्फ पहली परीक्षा दी, बल्कि उन्होंने इंग्लिश रीडिंग टेस्ट में पूरे नंबर भी प्राप्त किए।
इंग्लिश रीडिंग में लाई फुल मार्क्स
अलप्पुझा के कानिचेनेल्लुर सरकारी स्कूल में रविवार को संचालित की गई इस परीक्षा में कार्त्यायिनी अम्मा जब हॉल में दाखिल हुई तो उनके चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास झलक रहा था। शिक्षिका ने बताया कि परीक्षा में कुल 45 विद्यार्थी शामिल हुए थे और हॉल में बैठी वह सबसे वृद्ध महिला थी। परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की गई थी- पहली 30 नंबर की रीडिंग टेस्ट, 40 नंबर की मलयालम लेखन और 30 नंबर गणित के। जिसमें अम्मा ने रीडिंग टेस्ट में पूरे 30 में से 30 नंबर लेकर आई।
लिखित परीक्षा का परिणाम अब तक नहीं घोषित किया गया है। हालांकि कार्त्यायिनी अम्मा पूरी तरह से आश्वस्त है कि उन्होंने लिखित परीक्षा भी अच्छे से दी है और इसमें भी वे पूरे नंबर लेकर आएगी। परीक्षा के दौरान अम्मा इस बात से दुखी थी कि उसने जितनी पढ़ाई की थी उतना सब पेपर में नहीं पूछा गया था। उसे महसूस हो रहा था कि उसने बेमतलब के इतनी सारी पढ़ाई कर ली थी।
अगले साल चौथी कक्षा में लेंगी दाखिला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूरे केरल में इस साल 45,000 सीनियर सिटिजन ने साक्षरता मिशन के टेस्ट परीक्षा में भाग लिया था। कार्त्यायिनी अम्मा ने इस साल जनवरी में साक्षरता मिशन में पंजीकरण करवाया था। बतााया जाता है कि लिखित परीक्षा में अगर वह पास कर जाती है तो वह अगले साल चौथी कक्षा में प्रवेश लेंगी। 96 वर्षीय वृद्ध महिला को पिछले 6 महीने से मलयालम और गणित की ट्यूशन ले रही थी। रीडिंग टेस्ट पास करने के बदले एक मलयालम चैनल के द्वारा उन्हें एक पुस्तक भेंट स्वरूप दी गई। अम्मा का कहना है कि वह चौथी कक्षा की पढ़ाई शुरू करने से पहले अपनी अंग्रेजी का अभ्यास जारी रखना चाहती है।
क्या है सरकार की 'अक्षरलक्षम' योजना
राज्य सरकार की केरल राज्य साक्षरता अभियान के द्वारा इसी साल 26 जनवरी से 'अक्षरलक्षम' कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अभियान में सीनियर सिटिजन, आदिवासियों, मछुआरों, झुग्गी बस्तियों के लोगों जो निरक्षर हैं उनपर खास ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। राज्य सरकार सारे उपाय करके 100 फीसदी साक्षरता हासिल करने का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास है।