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Assam: सिंगल यूज प्लास्टिक को टाटा बाय-बाय बोलेगा असम, 2 अक्टूबर से एक लीटर पानी की बोतल होगी बैन

Assam Ban Single Use Plastic हिमंता बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने बीते दिन बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने 2 अक्टूबर से 1 लीटर से कम मात्रा वाली पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) से बनी पीने के पानी की बोतलों पर बैन लगा दिया है। इस साल 2 अक्टूबर से राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaSat, 22 Jul 2023 08:35 AM (IST)
Assam: सिंगल यूज प्लास्टिक को टाटा बाय-बाय बोलेगा असम, 2 अक्टूबर से एक लीटर पानी की बोतल होगी बैन
Assam Ban Single Use Plastic सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन।

गुवाहाटी, एएनआई। Assam Ban Single Use Plastic असम सरकार इस साल 2 अक्टूबर से 1 लीटर से कम मात्रा वाली पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाएगी। असम सरकार ने इस साल 2 अक्टूबर से राज्य में सिंगल यूज (एकल-उपयोग) प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

सीएम सरमा बोले- सख्ती से होगा नियमों का पालन

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को गुवाहाटी के जनता भवन में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरमा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 

राज्य मंत्रिमंडल ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार 1 लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर बैन लगाने और राज्य में एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को मंजूरी दे दी है और प्रतिबंध इस साल 2 अक्टूबर से 3 महीने की अवधि के साथ प्रभावी होगा।

मुफ्त एलईडी बल्ब वितरित करेगी सरकार

सरमा ने आगे कहा कि राज्य सरकार अगले साल 2 अक्टूबर से 2 लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने 130 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर मुख्यमंत्री दक्ष पोहर सोनी और मुख्यमंत्री संचय पोहर असोनी योजना के तहत असम में लगभग 50 लाख निम्न वर्ग वाले घरों में चार 9-वाट एलईडी बल्बों का मुफ्त वितरण करने का निर्णय लिया है।

15 दिन तक गांव में रहेंगे सीएम और मंत्री

असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस साल सितंबर में मुख्यमंत्री से लेकर सभी कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और 5000 चयनित सरकारी अधिकारी राज्य के जनगणना गांवों में 3-15 दिन बिताएंगे और 15 कल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को मिल रहे लाभों की निगरानी करेंगे और गांवों में रहने के दौरान ग्रामीणों को होने वाली समस्याओं को समझेंगे।