कलेक्टर और डीआइजी के समक्ष गिड़गिड़ा रहे थे आसाराम
खुद को चार करोड़ साधकों का गुरु बताने वाले दुष्कर्म के आरोपी आसाराम ने शुक्रवार रात भोपाल से इंदौर पहुंचने के बाद बेटे के साथ आश्रम के एक कमरे में बंद होकर बाहर से ताला लगवा लिया था। जिस गाड़ी में वे इंदौर आए थे, उसे भी एक गैरेज में खड़ा करवा दिया था। बात-बात पर लाखों समर्थकों की दुहाई देने वाले
इंदौर, अरविंद तिवारी। खुद को चार करोड़ साधकों का गुरु बताने वाले दुष्कर्म के आरोपी आसाराम ने शुक्रवार रात भोपाल से इंदौर पहुंचने के बाद बेटे के साथ आश्रम के एक कमरे में बंद होकर बाहर से ताला लगवा लिया था। जिस गाड़ी में वे इंदौर आए थे, उसे भी एक गैरेज में खड़ा करवा दिया था। बात-बात पर लाखों समर्थकों की दुहाई देने वाले आसाराम शनिवार दोपहर अपने आश्रम में कलेक्टर आकाश त्रिपाठी व डीआइजी राकेश गुप्ता के सामने कई बार गिड़गिड़ाए और इस कोशिश में लगे रहे कि किसी भी तरह वह राजस्थान पुलिस के चंगुल से बच जाएं।
शुक्रवार शाम भोपाल से इंदौर के लिए रवाना हुए आसाराम व उनके बेटे नारायण साई ने पुलिस को भरमाने के लिए विजयनगर चौराहे से वाहनों के काफिले से निकलकर रास्ता बदलते हुए खंडवा रोड आश्रम पहुंचे और एक कमरे में बंद होकर वहां मौजूद सेवादार से बाहर से ताला लगवा दिया। जब इंदौर पुलिस व मीडिया के लोग वहां पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि यहां तो कोई आया ही नहीं है।
शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक आसाराम को लेकर अटकलें चलती रहीं। किसी ने उनके देवास के नजदीक जामगो में होने की बात कही तो किसी ने कहा कि वे यहां एक उद्योगपति के फार्म हाउस पर रुके हैं। शनिवार सुबह पुलिस अधिकारी आश्रम में पहुंचे तो भी उनसे भी कहा गया कि आसाराम तो यहां आए ही नहीं हैं। कुछ ही घंटे बाद जब पुलिस अफसरों ने परिसर में एक कार को धुलते हुए देखा तो उसके ड्राइवर से पूछताछ की गई। वह जब संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया तो फिर वहां मौजूद सेवादारों को घेरे में लिया गया। पुलिस ने कहा कि हम यहां के सारे कमरों की तलाशी लेंगे और सभी ताले तोड़ेंगे। चेतावनी के कुछ देर बाद नारायण नारायण कहते हुए नारायण साई अफसरों के पास पहुंचे। जब नारायण साई ने भी अपने पिता के आश्रम में न होने की बात कही तो फिर अफसर बिफर गए और बोले अब हम उन्हें ताला तोड़कर बाहर निकालेंगे। कोई विकल्प न देख नारायण साई को आखिरकार कहना पड़ा कि आप ऐसा मत करो। बापू जल्दी ही सबके सामने प्रकट होंगे।
इसके कुछ समय बाद आसाराम उसी कमरे से बाहर निकले, जिस पर बाहर से ताला लगा हुआ था। वे बहुत घबराए हुए थे। जब उनका सामना कलेक्ट व डीआइजी से हुआ तो वे उनके सामने गिड़गिड़ाने लगे। उनका यह रूप देखकर अफसर भी चौंक पड़े। उनका कहना था कि मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मैं जोधपुर जाने की स्थिति में नहीं हूं। जोधपुर पुलिस मुझसे यहीं पूछताछ कर ले। अफसरों ने लाचारी जताते हुए कहा कि यह निर्णय जोधपुर पुलिस ही ले पाएगी।
काफी मशक्कत के बाद जोधपुर पुलिस ने शनिवार रात करीब 12 बजे आसाराम को गिरफ्तार कर एयरपोर्ट पहुंची। उन्हें वीआइपी लाउंज में भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच रखा गया। रविवार सुबह साढ़े सात बजे एयर इंडिया की पहली फ्लाइट से आसाराम को पुलिस दिल्ली ले गई। वहां से सुबह 11 बजे की दूसरी फ्लाइट से उन्हें जोधपुर ले जाया गया।
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