न पिता बोले कुछ और न मोहल्ले वाले
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। बटला हाउस कांड में वांछित और दस लाख रुपये के इनामी असदुल्लाह का अपने गृह जिले में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। यहां से इंटर पास करने के बाद वह बी फार्मा करने के लिए वर्ष 200
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। बटला हाउस कांड में वांछित और दस लाख रुपये के इनामी असदुल्लाह का अपने गृह जिले में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। यहां से इंटर पास करने के बाद वह बी फार्मा करने के लिए वर्ष 2008 में लखनऊ चला गया। वहां इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में कोर्स के दौरान ही दिल्ली का बटला हाउस कांड हुआ और उसके बाद वह आतंकी करार कर दिया गया। तभी से वह फरार चल रहा था। बटला हाउस कांड के बाद उसकी तलाश में एटीएस ने आजमगढ़ आकर उसके पिता डॉ. जावेद अख्तर से पूछताछ की थी। उस समय उसके पिता ने किसी भी जानकारी से इन्कार किया था और यह भी कहा था कि पुलिस हमारे बेटे का पता लगाए। उसके बाद से असदुल्लाह की तलाश में कई राज्यों की पुलिस के साथ एनआइए भी लगी थी।
गुरुवार को बेटे की गिरफ्तारी के बाद गुलामी का पूरा मोहल्ले में रहने वाले डॉ. जावेद अख्तर इस बारे में कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं थे। गिरफ्तारी की खबरें भले टीवी पर चल रही हों लेकिन अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अख्तर रोज की तरह आराजीबाग स्थित अपने क्लीनिक पर पहुंचे और मरीजों को भी देखा। इस दौरान उनसे बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कुछ बोलने से मना कर दिया। हां, चेहरे पर तनाव झलक रहा था। जिस मोहल्ले में असदुल्लाह का परिवार रहता है वहां के लोग भी मौन साधे हुए हैं। डॉ. अख्तर के तीन पुत्रों में सबसे बड़ा अब्दुल्ला, उसके बाद असदुल्लाह व सबसे छोटा सैफ है। दोनों अन्य बेटे भी जिले से बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
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