मुस्लिम होने की वजह से याकूब मेमन को दी जा रही फांसीः ओवैसी
मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के फांसी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। एमआइएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने याकूब की फांसी पर कड़ी आपत्ति जताई है। ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह धर्म को आधार बनाकर फांसी दे रही है। गौरतलब है कि
हैदराबाद। मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के फांसी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। एमआइएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने याकूब की फांसी पर कड़ी आपत्ति जताई है। ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह धर्म को आधार बनाकर फांसी दे रही है। औवेसी के इस बयान पर भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिन्हें कोर्ट का फैसला स्वीकार नहीं है वह पाकिस्तान चले जाएं, उनके लिए दरवाजे खुले हैं। गौरतलब है कि 30 जुलाई को मेमन को फांसी दी जानी है।
उधर, इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के शाहनवाज हुसैन ने कहा कि 1993 मुंबई विस्फोट में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि ओवैसी का आरोप बेबुनियाद है कि मुस्लिम होने की वजह से मेमन को फांसी दी जा रही है। इस मसले पर राजनीति करना कतई उचित नहीं है।
इस बारे में ओवैसी ने कल कहा कि सरकार मजहब को आधार बनाकर फांसी की सजा तय रही है। याकूब मेमन को फांसी क्यों दी जा रही है। अगर सूली पर चढ़ाना ही है तो राजीव गांधी के हत्यारों को भी चढ़ाया जाए। इस तरह मजहब को आधार नहीं बनाया जाए।' गौरतलब है कि मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी लगना अब तय हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव याचिका को मंगलवार को खारिज कर दी है ।
रॉ अध्ािकारी ने लेख में लिखा - फांसी का हकदार नहीं मेमन
1993 मुंबई धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 लोग घायल हो गए थे। इन धमकों के पीछे अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का हाथ था। याकूब मेमन 'डी' कंपनी का सिपहसालार है और यही मुंबई धमाकों का सबसे बड़ा प्लांटर भी है। सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई बम विस्फोटों के दोषी याकूब मेमन की याचिका को खारिज करते हुए उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है ।