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काम वाली बाई... यह संबोधन गुजरे वक्त की बात, अब इन्हें ‘स्मार्ट मेड’ कहिए जनाब

वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव, वैक्यूम क्लीनर सहित अन्य तमाम आधुनिक घरेलू उपकरणों के बेहतर इस्तेमाल के साथ साथ हाइजीन यानी स्वच्छता में ये पूरी तरह दक्ष हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 11:25 AM (IST)
काम वाली बाई... यह संबोधन गुजरे वक्त की बात, अब इन्हें ‘स्मार्ट मेड’ कहिए जनाब
काम वाली बाई... यह संबोधन गुजरे वक्त की बात, अब इन्हें ‘स्मार्ट मेड’ कहिए जनाब

बिलासपुर [अमित मिश्रा]। बिलासपुर नगर निगम ने अभिनव प्रयोग किया है। प्रशिक्षित- पंजीकृत घरेलू सहायिका के रूप में निम्न आय वर्ग की महिलाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध करा रहा है। प्रशिक्षण सहित सत्यापन और पंजीकरण प्रदान कर दिए जाने से इन स्मार्ट घरेलू सहायिकाओं (मेड) की मांग और आय भी बढ़ गई है। वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव, वैक्यूम क्लीनर सहित अन्य तमाम आधुनिक घरेलू उपकरणों के बेहतर इस्तेमाल के साथ साथ हाइजीन यानी स्वच्छता में ये पूरी तरह दक्ष हैं।

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लिहाजा, हर परिवार इन्हें काम पर रखना चाहता है। इन्हें खोजने के लिए भटकना भी नहीं पड़ता है। बस निगम से संपर्क करना होता है। पुलिस सत्यापन, प्रशिक्षण और पंजीकरण होने के कारण कोई भी परिवार इन सहायिकाओं को अन्य के मुकाबले प्रतिमाह दो से तीन हजार रुपये तक अधिक का पारिश्रमिक भी देने को आसानी से राजी हो जा रहा है।

बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में निगम की इस पहल के सार्थक परिणाम आ रहे हैं। शहरी आजीविका मिशन के तहत घरेलू काम करने वाली महिलाओं (मेड) को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें घर के कामकाज के अलावा कई ऐसी बातें भी सिखाई जा रही हैं, जो आम परिवारों की उनसे अपेक्षा होती है। मसलन हाइजीन का विशेष ध्यान रखना। साफ-सफाई को लेकर पूरी तरह सतर्क होना। सुव्यवस्थित तरीके से काम करना। इसके अलावा घर के कामकाज में मदद के लिए कुछ आसान व्यंजन आदि बनाने का बेहतर तरीका भी सिखाया जाता है।

अब प्लेसमेंट की तैयारी

बिलासपुर नगर निगम का कहना है कि बेहतर परिणाम मिलने से उत्साहत बढ़ा है। अब इस दायरे को बड़ा करके प्लेसमेंट सेल बनाने की तैयारी की जा रही है ताकि निगम में पंजीकृत घरेलू सहायिकाओं को निगम द्वारा ही काम पर भेजा जाए। इससे यह प्रक्रिया और भी व्यवस्थित हो जाएगी। यह काम शहरी आजीविका मिशन के तहत किया जा रहा है। इससे असंगठित क्षेत्र के इन कामगारों को नियत सुविधाएं दिलाई जा सकेंगी।

ये हैं स्मार्ट मेड की खूबियां

- नगर निगम द्वारा पंजीकृत

- नगर निगम द्वारा पुलिस सत्यापन

- आधुनिक घरेलू उपकरणों के इस्तेमाल में दक्षता का प्रशिक्षण

- हेल्थ चेकअप और प्रमाण कि कोई संक्रामक बीमारी नहीं है

- फोन नंबर, आधार नंबर और स्थायी-अस्थायी पते सहित पूरी जानकारी दर्ज

शहरी आजीविका मिशन के तहत यह काम किया जा रहा है। अब न केवल घरों से बल्कि होटल और नर्सिंग होम आदि से भी इन प्रशिक्षित-पंजीकृत सहायिकाओं की मांग आने लगी है। बेहतर परिणाम से हम उत्साहित हैं।

- सौमिल रंजन चौबे,

निगमायुक्त, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ 


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