कालाधन देश में नहीं, विदेश में है : अरुण शौरी
'हैदराबाद लिटरेरी फेस्टीवल' को संबोधित करते हुए शौरी ने कहा, 'जिसके पास भी काला धन है, क्या वह उसे भारत में रुपयों में रखता है
हैदराबाद, प्रेट्र। राजग सरकार के नोटबंदी के फैसले की तीखी आलोचना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रख्यात पत्रकार अरुण शौरी ने शनिवार को कहा कि यह कदम कालेधन पर लगाम कैसे लगा सकता है, जबकि वह विदेश में जमा किया गया है।
'हैदराबाद लिटरेरी फेस्टीवल' को संबोधित करते हुए शौरी ने कहा, 'जिसके पास भी काला धन है, क्या वह उसे भारत में रुपयों में रखता है.. जिनके पास भी काला धन है, वे उसे बाहर रखते हैं। वे कंपनियां खरीदते हैं, वे इस्टेट खरीदते हैं।
डेंगू का यह मच्छर स्विटजरलैंड में उड़ रहा है, लेकिन छड़ी आप यहां चला रहे हो?' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'एक विचार को सिर्फ इसलिए वैध नहीं ठहराया जा सकता कि लोगों ने उसका समर्थन किया है।
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लोग नोटबंदी के फायदे और नुकसान के बारे में जानते ही नहीं हैं। वे यह भी नहीं समझते कि वास्तव में यह कालेधन के खिलाफ है या कालेधन के लिए मददगार है। वे नहीं जानते कि 15.5 लाख करोड़ रुपये की करेंसी को खत्म कर दिया गया और कहा गया कि आतंकियों के धन और नकली नोटों की वजह से किया गया।
जबकि, संसद में सरकार का खुद का जवाब था कि कि यह सिर्फ 0.02 प्रतिशत थी। वे नहीं जानते.. उसके बाद, यह जीएसटी के लिए है। और कैशलेस, कैशलेस ऐसी कौन सी बड़ी बात है।'
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