GST पर कांग्रेस नेताओं से मिले जेटली, मानसून सत्र में पास होने की उम्मीद
वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य़ मंत्री अनंत कुमार ने आज जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से मुलाकात की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्लीजी।एसटी बिल पर राज्यसभा में गतिरोध दूर करने के लिए कांग्रेस और सरकार दोनों ने फिलहाल लचीला रुख दिखाया है। जीएसटी विधेयक पारित करने के लिए शुक्रवार को सरकार और कांग्रेस केबीच अहम बैठक हुई। इसमें सुलह समझौते के फार्मूले पर बातचीत आगे बढ़ी है। बेशक सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है, मगर दोनों पक्षों ने सुलह का रास्ता निकालने के लिए एक-दूसरे को अपने प्रस्ताव दिए हैं। इससे पहले कांग्रेस को मनाने की कई बार कोशिश नाकाम हो चुकी है। लेकिन बदले राजनीतिक हालात में कांग्रेस ने भी रुख में नरमी के संकेत दिए हैं।
जीएसटी पर गतिरोध दूर करने के लिए हुई बैठक में सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार मौजूद थे। कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और उप नेता आनंद शर्मा ने पार्टी का रुख सामने रखा। जीएसटी बिल पर कांग्रेस की एकमात्र आपत्ति इसकी दर को 18 फीसदी की कैपिंग तक सीमित रखने की है।
जीएसटी बिल पर सरकार ने कांग्रेस से संपर्क साधा
पार्टी की मांग रही है कि कैपिंग का प्रावधान इस संविधान संशोधन विधेयक में ही रखा जाए। सरकार इसके लिए बिल्कुल राजी नहीं है। सूत्रों के अनुसार, मानसून सत्र से पहले कांग्रेस ने बैक चैनल वार्ताओं के जरिये सरकार के पास बीच का फॉर्मूला निकालने का संदेश दिया था। बिल पारित कराने की मशक्कत में जुटी सरकार ने भी इस संदेश के बाद वार्ता में लचीला रुख दिखाया है।सूत्रों के अनुसार, बैठक में कांग्रेस ने संकेत दिया कि यदि बिल में 18 फीसद की कैपिंग संभव नहीं है और सरकार कोई दूसरा विकल्प देती है, तो पार्टी इस पर राजी हो सकती है। कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर सरकार की ओर से तत्काल कोई आश्वासन नहीं मिला, मगर संकेत जरूर दिया गया कि वह इस पर गंभीरता से विचार करेगी।
सरकार ने भी कांग्रेस को सुलह के कुछ रास्ते सुझाए हैं। बैठक के बाद जेटली ने कहा कि हमने गतिरोध दूर करने के उपायों पर चर्चा की है। मानसून सत्र शुरू होने के बाद हम आगे भी बात करेंगे। वहीं आजाद ने कहा कि आज हुई चर्चा की जानकारी हम अपने-अपने नेताओं को देंगे। इसके बाद दिशा तय की जाएगी। वैसे संकेत हैं कि कांग्रेस अपने कई साथी दलों के जीएसटी बिल पर सरकार के साथ होने को देखते हुए विरोध और लंबा नहीं खींचना चाहती है। इसलिए मानसून सत्र में गतिरोध का रास्ता निकलने की संभावना बढ़ गई है।