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रोग की सटीक पहचान में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बनेगी मददगार, इलाज में अहम भूमिका निभाएगा आइआइटी कानपुर

चिकित्सीय जांच को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) तकनीक से जोडऩे की तैयारी चल रही है। इससे मरीज की जांच के दौरान ही बीमारी की सटीक पहचान हो सकेगी समस्या तुरंत पता चल जाएगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने इसके लिए कदम बढ़ा दिए हैैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 06:29 PM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 06:29 PM (IST)
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर (फाइल फोटो)

शशांक शेखर भारद्वाज, कानपुर। आधुनिक तकनीक के सहारे देश में अब इलाज की राह और आसान होगी। चिकित्सीय जांच को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) तकनीक से जोडऩे की तैयारी चल रही है। इससे मरीज की जांच के दौरान ही बीमारी की सटीक पहचान हो सकेगी, समस्या तुरंत पता चल जाएगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने इसके लिए कदम बढ़ा दिए हैैं। आइआइटी के स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी (एसएमआरटी) में चिकित्सीय जांच उपकरणों में एआइ और मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल होगा। अभी एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआइ व खून आदि की जांच समेत अन्य तरीके से रोगों की पहचान की जाती है। रिपोर्ट रेडियोलाजिस्ट, पैथोलाजिस्ट और दूसरे विशेषज्ञ चिकित्सक जारी करते हैं। रिपोर्ट के आधार पर इलाज की रूपरेखा बनाई जाती है।

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मशीनें बनेंगी स्मार्ट:

आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि एआइ से जांच करने की दिशा में अमेरिका समेत कुछ यूरोपीय देशों में काम शुरू हो गया है। आइआइटी कानपुर ने भी अब इस पर काम शुरू कर दिया है। आइआइटी चिकित्सीय मशीनों को स्मार्ट बनाएगा। इससे मशीनें आपस में इंटरकनेक्ट हो सकेंगी और रोगों को तुरंत सामने ले आएंगी। शरीर के किसी हिस्से में दिक्कत होने पर उसका मूल कारण और निवारण तक बताने में मशीनें सक्षम रहेंगी। इसके लिए सिस्टम की प्लानिंग की जाएगी। संस्थान के रिसर्च सेंटर में प्रोटोटाइप माडल विकसित किया जाएगा जो मेक इन इंडिया की तर्ज पर बनाया जाएगा। डायग्नोसिस की मशीनें भविष्य में इस तरह से डिजाइन की जा सकेंगी।

जटिल रोगों पर होगा शोध:

एसएमआरटी के लिए संस्थान ने बिल्डिंग का नक्शा और माडल तैयार करा लिया है। एसएमआरटी में 500 बेड के अस्पताल के साथ ही अलग से रिसर्च विंग बनाई जाएगी। देश ही नहीं, विदेश के कई अस्पतालों का माडल तैयार करने वाली कंपनी को इसकी जिम्मेदारी मिली है। एसएमआरटी का शिलान्यास नवंबर में कराने की तैयारी है। इसकी कमेटी का गठन कर लिया गया है, जिसमें प्रतिष्ठित लोगों को शामिल किया गया है। जटिलतम रोगों पर यहां शोध किया जाएगा।

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा:

एसएमआरटी का प्रोजेक्ट 600 करोड़ रुपये का है। इसमें पढ़ाई के लिए अलग से बिल्डिंग बनेगी, जबकि सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल, रिसर्च विंग, आवासीय क्षेत्र, लाइब्रेरी और अन्य सुविधाओं के लिए अलग भवन बनाए जाएंगे। एसएमआरटी का प्रोजेक्ट शिवली रोड पर संस्थान परिसर में बनेगा। प्रोटोटाइप बनने के बाद यहां पर क्लीनिकल ट्रायल होगा, फिर इस्तेमाल किया जाएगा। रिसर्च विंग में चिकित्सीय उपकरण भी विकसित किए जाएंगे।

रिसर्च विंग में होगी अत्याधुनिक तकनीक:

रिसर्च विंग में टेलीमेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त डाइग्नोसिस सिस्टम, कार्डियोलाजी, कैंसर, संक्रामक रोग, लिवर, न्यूरो सर्जरी, फेफड़े, गुर्दे आदि पर काम किया जाएगा। रिसर्च विंग अपग्रेड होती रहेगी।


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