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अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान नहीं : सुप्रीम कोर्ट

धवन ने दलील दी कि यह सभी मामले अनुच्छेद 370 के साथ इन लंबित मामलों को नहीं सुना जा सकता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 10:14 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 11:41 PM (IST)
अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान नहीं : सुप्रीम कोर्ट
अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संविधान का अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने अपने पूर्ववर्ती 2017 के फैसले के सरफेसी मामले में पहले ही यह स्थापित कर दिया है कि अनुच्छेद 370 कोई अस्थाई प्रावधान नहीं है।

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जस्टिस एके गोयल और आरएफ नरिमन की खंडपीठ ने कहा कि इस संबंध में सरफेसी मामले में कोर्ट पहले ही दे चुका है। इस फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 370 पर हेडनोट के बावजूद यह कोई अस्थाई प्रावधान नहीं है।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एडीशनल सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले को सुने जाने की जरूरत है क्योंकि अदालत में ऐसे ही कई मामले लंबित हैं। इन्हें जल्दी ही सूचीबद्ध किया जा सकता है। वहीं, जम्मू और कश्मीर सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन और शोएब आलम ने भी स्पष्ट किया कि अन्य मामले जो लंबित हैं वह अनुच्छेद 35ए से संबंधित हैं और अनुच्छेद 370 नहीं हैं।

धवन ने दलील दी कि यह सभी मामले अनुच्छेद 370 के साथ इन लंबित मामलों को नहीं सुना जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च अदालत याचिकाकर्ता कुमारी विजयलक्ष्मी झा ने दिल्ली हाईकोर्ट के 11 अप्रैल, 2017 के मामले में कहा था कि अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रकृति का है।


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