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कश्मीर घाटी में 2016 के दौरान तीन गुना बढ़ी दंगों, आगजनी और लूटमार की वारदातें

2015 में 1157 दंगे हुए, 2016 में इनकी संख्या 3404 पहुंची

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 03:41 AM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 07:15 AM (IST)
कश्मीर घाटी में 2016 के दौरान तीन गुना बढ़ी दंगों, आगजनी और लूटमार की वारदातें
कश्मीर घाटी में 2016 के दौरान तीन गुना बढ़ी दंगों, आगजनी और लूटमार की वारदातें

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में 2016 के दौरान दंगों, आगजनी और लूटमार की वारदातों में 2015 की तुलना में लगभग तीन गुणा बढ़ोतरी हुई है। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि कश्मीर घाटी में 2016 में आठ जुलाई से नवंबर के अंत तक लगातार बंद और हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा था। अलबत्ता सरकारी अधिकारियों पर हमले की घटनाओं में कमी आई है। 2015 में सरकारी कर्मियों, अधिकारियों पर हमले की 535 वारदातों की तुलना में 2016 में 516 वारदातें हुई हैं।

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राज्य पुलिस की अपराध शाखा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में सिर्फ 1157 दंगे हुए, जबकि 2016 में इनकी संख्या 3404 पहुंच गई। एक ही साल में ऐसे मामलों में 2247 की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह 2016 में पुलिस ने आगजनी के 267 मामले दर्ज किए, जबकि 2015 में सिर्फ 147 मामले ही आगजनी के थे। अपराध शाखा के अधिकारियों ने दंगों और आगजनी की वारदातों में बढ़ोतरी के लिए 2016 में कश्मीर में आतंकियों व अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद व हिंसक प्रदर्शनों को ही मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया है।

ये सिलसिलेवार बंद जुलाई, 2016 में आतंकी बुरहान की मौत के बाद शुरू हुए थे और लगभग पांच माह तक चले। अपराध शाखा के आंकड़ों के मुताबिक 2015 में हत्या के प्रयास के 430 मामलों की तुलना में 2016 में ऐसे 573 मामले दर्ज किए गए। हत्या के 133 मामले 2015 में दर्ज हुए थे, जो 2016 में बढ़कर 140 हो गए। अपराध शाखा ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 2015 या 2016 में हिरासती मौत का एक भी मामला नहीं है।

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