अर्नब गोस्वामी की सुरक्षा को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गृहमंत्री से की बात
राज्यपाल कार्यालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार कोश्यारी ने गृहमंत्री से अर्णब गोस्वामी के परिवार को उनसे मिलने और बातचीत करने की अनुमति देने को कहा है। बयान के मुताबिक जिस तरीके से गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया उसे लेकर राज्यपाल ने अपनी चिंता रखी थी।
नई दिल्ली, एजेंसी। रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को कोई राहत ना देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद अर्नब ने अलीबाग सेशन कोर्ट में नियमित जमानत की अर्जी लगाई है। इस बीच, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अर्णब गोस्वामी की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है। इस सिलसिले में उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से फोन पर बात की है।
राज्यपाल कार्यालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, कोश्यारी ने गृहमंत्री से अर्णब गोस्वामी के परिवार को उनसे मिलने और बातचीत करने की अनुमति देने को कहा है। बयान के मुताबिक, जिस तरीके से गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया, उसे लेकर राज्यपाल ने देशमुख के सामने पहले भी अपनी चिंता रखी थी। गोस्वामी और दो अन्य फिरोज शेख और नीतीश सारदा को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गत 4 नवंबर को अलीबाग पुलिस ने अरेस्ट किया था।
मामले में अर्णब के अलावा दो अन्य आरोपियों, फिरोज शेख और नीतेश सारदा को गिरफ्तार किया गया था। अर्णब ने अंतरिम जमानत की मांग की थी और गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उसे चुनौती दी है। हाई कोर्ट पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को असाधारण क्षेत्राधिकार के तहत रिहा करने का कोई मामला नहीं बनता है।
तलोजा जेल में बंद हैं अर्णब
रविवार को अर्णब को अलीबाग से तलोजा जेल ले जाया गया। जेल जाने के दौरान वैन में सवार अर्णब ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है। साथ ही यह भी कहा कि उनके वकीलों से उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही अर्णब ने आरोप लगाया कि उनके साथ मार-पीट की गई है।
2018 में डिजाइनर और उसकी मां ने की थी आत्महत्या
वर्ष 2018 में मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने आत्महत्या कर लिया था। मौके से बरामद सुसाइड नोट में अर्णब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाया गया था जिसके अनुसार अर्णब और दूसरे आरोपियों ने अन्वय नाइक को अपने कई प्रोजेक्ट के लिए डिजाइनर नियुक्त किया था। हालांकि इसके लिए डिजाइनर को करीब 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया। जिसके कारण डिजाइनर अन्वय नाइक की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया।
सुसाइड नोट में इन तीन कंपनियों पर आरोप
सुसाइउ नोट में यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि तीन कंपनियों ने डिजाइनर को भुगतान नहीं किया था। इसके अनुसार, अर्णब रिपब्लिक मीडिया पर उसके 83 लाख रुपये, फिरोज शेख की आईकास्टएक्स/स्काईमीडिया पर चार करोड़ रुपये एवं नीतेश शारदा के स्मार्टवर्क्स पर 55 लाख रुपये बकाया होने का आरोप है।
गृहमंत्री के पास पहुंची डिजाइनर की बेटी
रायगढ़ पुलिस ने करीब एक साल इस मामले की जांच करने बाद अप्रैल 2019 में यह कहते हुए मामला बंद कर दिया था कि उसे जांच में आरोपियों के विरुद्ध कोई तथ्य नहीं मिला है। केस बंद किए जाने के बाद अन्वय का परिवार करीब साल भर चुप्पी साधे रहा। फिर मई 2020 में अन्वय की पुत्री आज्ञा नाईक ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिलकर इस मामले की पुनः जांच की मांग उठाई। देशमुख कहते हैं कि अन्वय की पुत्री आज्ञा ने मुझसे शिकायत की कि अलीबाग पुलिस ने उसके पिता के सुसाइड नोट में बताए गए बकाया भुगतान के संबंध में कोई जांच नहीं की है तब मैंने सीआईडी को इस मामले की पुनः जांच के आदेश दे दिए हैं।