सांप्रदायिक टिप्पणी करने के आरोप में अर्नब गोस्वामी की बढ़ी मुसीबतें, मुंबई पुलिस ने दिया नोटिस
अर्नब से नोटिस में पूछा गया है कि आखिर क्यों न आपके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-108 के तहत कार्रवाई की जाए। उन्हें शुक्रवार शाम चार बजे वर्ली स्थित विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
मुंबई, प्रेट्र। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। गोस्वामी पर पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में एक शो के दौरान तथाकथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है। नोटिस में पूछा गया है कि आखिर क्यों न आपके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-108 के तहत कार्रवाई की जाए। उन्हें शुक्रवार शाम चार बजे वर्ली स्थित विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
पुलिस ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं जिससे सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई, लेकिन उनकी टिप्पणियों से गंभीर खतरा पैदा हो गया है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, एक वर्ष की अवधि के लिए एक गारंटर के साथ उनसे 10 लाख रुपये का बांड भरवाया जाएगा। गारंटर ऐसा व्यक्ति होगा जिसे सोसाइटी के लोग अच्छी तरह से जानते हों और वह गोस्वामी के व्यवहार को नियंत्रित करने में सक्षम हो।
फर्जी टीआरपी रैकेट में रिपब्लिक टीवी के दो पत्रकार आज तलब
वहीं मुंबई पुलिस ने फर्जी टीआरपी मामले में रिपब्लिक टीवी के कार्यकारी संपादक और एक पत्रकार को समन भेजा है। दोनों को बुधवार को दिन में 12 बजे क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआइयू) के दफ्तर में आने को कहा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि न्यूज चैनल के कार्यकारी संपादक (समाचार) निरंजन नारायणस्वामी और पत्रकार अभिषेक कपूर को तलब किया गया है। मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। समन में कहा गया है कि रिपब्लिक टीवी ने 10 अक्टूबर को अपने प्रसारण में हंसा रिसर्च ग्रुप से संबंधित कुछ दस्तावेज दिखाए थे।
ऐसा मानने का पुख्ता आधार है कि समन किए गए लोगों के पास इस संबंध में ठोस जानकारियां हैं और उसी का पता लगाने के लिए उन्हें बुलाया गया है। सीआइयू ने मंगलवार को हंसा एजेंसी के प्रवीण निजार और नितिन देवकर के बयान दर्ज किए। क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के दफ्तर भी गई थी। बार्क ने ही हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिये कुछ टीवी चैनलों के खिलाफ टीआरपी के लिए फर्जीवाड़ा करने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।