ओएफबी भेज रहा 'बेहद घटिया' गोला-बारूद, सेना ने रक्षा मंत्रालय से की दखल देने की अपील
सूत्रों के मुताबिक सेना की अपील पर रक्षा मंत्रालय ने इस मामले का संज्ञान लिया है। जांच में पाया गया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने गोला-बारूद की गुणवत्ता को लेकर सतर्क नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) की ओर से होने वाले गोला-बारूद की 'बेहद घटिया' आपूर्ति के चलते युद्धक टैंकों से लेकर तोपों और एयर डिफेंस गनों से होने वाले हादसों की तादाद बढ़ती जा रही है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सेना ने रक्षा मंत्रालय से इस मामले में तत्काल दखल देने की अपील की है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेना ने यह मसला विशेष रूप से रक्षा सचिव (उत्पादन) अजय कुमार के समक्ष उठाया है। पिछले कई सालों से सेना के प्रमुख हथियारों की श्रृंखला खराब किस्म के गोला-बारूद के चलते तबाह हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक सेना की अपील पर रक्षा मंत्रालय ने इस मामले का संज्ञान लिया है। जांच में पाया गया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने गोला-बारूद की गुणवत्ता को लेकर सतर्क नहीं रही है। इसीलिए गलत किस्म के गोला-बारूद के इस्तेमाल से हादसे होते रहते हैं। उल्लेखनीय है कि ओएफबी देश भर में 41 आर्डिनेंस फैक्टि्रयों का संचालन करती है। इसका सारा कामकाज रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन महकमे में आता है।
दूसरी ओर, संपर्क करने पर ओएफबी ने बताया कि वह भारतीय सेना को गोला-बारूद की आपूर्ति अपने क्वालिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट डायरेक्टरेट जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए) से गहन जांच के बाद कराई जाती है। विभिन्न अधिकृत लेबोरेट्री में सभी प्राथमिक पदार्थो की जांच की जाती है। विभिन्न परीक्षण की श्रृंखला के बाद ही गोला-बारूद की आपूर्ति सेना को की जाती है।
सेना ने भी रक्षा मंत्रालय को उन हादसों पर एक रिपोर्ट सौंपी है जो मुख्यत: टी-72 और टी-90 व मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन से हुए। इसके अलावा, इस कारण से 105 एमएम इंडियन फील्ड गनों, 130 एमएम एमएआइ मीडियम रेंज गन और 40 एमएम एल-70 एयर डिफेंस गन भी हादसों का शिकार होती रही हैं। सेना ने उन घटनाओं का भी ब्योरा दिया जिसमें सैन्य अफसर भी खराब गोला बारूद के चलते घायल हो गए थे। सूत्रों का कहना है कि सेना इस विषय पर बेहद गंभीर है। साथ ही उसने रक्षा मंत्रालय से सेना को दिए जाने वाले गोला-बारूद की गुणवत्ता सुधारने की भी अपील की है।
दूसरी ओर, ओएफबी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि वह गोला-बारूद के निर्माण से लेकर उसे भेजने तक के लिए जिम्मेदार है। लेकिन उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि सेना कैसे उसका रखरखाव करती है, उसे कहां रखती है और रखरखाव के हालात कैसे हैं।
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