मणिपुर में फर्जी मुठभेड़ मामले में सेना के मेजर को आरोपी बनाया
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े की अध्यक्षता वाले आयोग ने फर्जी मुठभेड़ ठहराया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मणिपुर में हुई फर्जी मुठभेड़ के मामलों की जांच कर रही सीबीआइ ने सेना के मेजर विजय सिंह बलहारा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआइ द्वारा दर्ज की गई 29 एफआइआर में पहली बार किसी सेना के अधिकारी को आरोपी बनाया गया है।
घटना के समय असम राइफल्स में तैनात रहे मेजर बलहारा और सात अन्य जवानों पर आरोप है कि उन्होंने 12 वर्षीय बालक आजाद खान की हत्या की। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े की अध्यक्षता वाले आयोग ने फर्जी मुठभेड़ ठहराया है।
परिजनों के मुताबिक आजाद की हत्या चार मार्च, 2009 को की गई। कक्षा सात के छात्र आजाद का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। उसे असम राइफल्स द्वारा जब घर से उठाया गया तब वह अपने दोस्त कियाम आनंद सिंह के साथ बरामदे में बैठा अखबार पढ़ रहा था और परिजन उसके नजदीक थे। इसके बाद नजदीक के मैदान में ले जाकर आजाद को बेरहमी से पीटा गया। इस दौरान परिजन उसे बचाने की लगातार कोशिश करते रहे लेकिन उनकी एक न सुनी गई।
पूर्व न्यायाधीश संतोष हेगड़े की अध्यक्षता वाले आयोग ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। परिजनों के मुताबिक पिटाई के दौरान ही परिजनों को एक कमरे में बंद कर दिया गया। खिड़की से उन्होंने देखा कि पिटाई के बाद एक कमांडो ने पिस्टल से आजाद को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार खुफिया सूत्रों से उसे आजाद के गांव में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। मेजर बलहारा के नेतृत्व में सुरक्षा बलों का दस्ता जब वहां पहुंचा तो बांस के झुरमुठ के बीच से दो लोग फायरिंग करते हुए भागते दिखाई दिए। सुरक्षा बलों की जवाबी फायरिंग के कुछ देर बाद जब शांति हुई तो मौके से उन्हें आजाद का शव मिला। शव के पास से नाइन एमएम की स्मिथ एंड वेसन कंपनी की पिस्टल मिली।