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सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा- सशस्त्र बलों के लिए खरीद प्रक्रिया समय की जरूरतों के अनुरूप नहीं

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए खरीद प्रक्रिया समय की जरूरतों के अनुरूप नहीं रही। वास्तविक परिवर्तन के लिए नौकरशाही के मामलों में क्रांति लाने की जरूरत है। सबसे कम बोली लगाने वाले विक्रेता की अवधारणा को खत्म किया जाए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 12:48 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 12:48 AM (IST)
वास्तविक परिवर्तन के लिए नौकरशाही के मामलों में क्रांति लाने की जरूरत

नई दिल्ली, प्रेट्र। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों के लिए खरीद प्रक्रिया समय की जरूरतों के अनुरूप नहीं रही। वास्तविक परिवर्तन के लिए नौकरशाही के मामलों में क्रांति लाने की जरूरत है।

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सूचना-युग में युद्ध की जरूरतों को औद्योगिक युग की प्रक्रियाओं से बाधित नहीं होने दिया जा सकता

जनरल नरवणे ने कहा कि नियमों की हावी होने वाली प्रकृति के कारण खरीद प्रक्रिया में कई प्रक्रियात्मक कमियां आ गई हैं। उन्होंने कहा कि सूचना-युग में युद्ध की जरूरतों को औद्योगिक युग की प्रक्रियाओं द्वारा बाधित नहीं होने दिया जा सकता है।

जनरल नरवणे ने कहा- तेजी से फैसले करने को तरजीह देने की जरूरत

यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन आफ इंडिया में अपने संबोधन में जनरल नरवणे ने कहा कि सशस्त्र बल अतीत में विकसित संरचनाओं के साथ अगला युद्ध लड़ने और जीतने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। जरूरत है कि तेजी से फैसले करने को तरजीह दी जाए।

सेना प्रमुख ने कहा- देश की खरीद प्रक्रिया समय की जरूरतों के अनुरूप नहीं

सेना प्रमुख ने कहा, दुर्भाग्य से हमारी खरीद प्रक्रिया समय की जरूरतों के अनुरूप नहीं है। नियमों और विनियमों की हावी होने वाली प्रकृति के कारण अधिग्रहण प्रक्रिया में कई प्रक्रियात्मक खामियां आ गई हैं।

जनरल नरवणे ने कहा- सबसे कम बोली लगाने वाले विक्रेता की अवधारणा को खत्म किया जाए

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि यहां भी कायापलट किया जाए और सबसे कम बोली लगाने वाले विक्रेता की अवधारणा को खत्म किया जाए। अतीत से विकसित संरचनाओं के साथ अगला युद्ध लड़ने और जीतने की हम उम्मीद नहीं कर सकते। हमारी बल संरचनाएं कुशल, लचीली और नेटवर्कयुक्त होनी चाहिए। उन्हें समकालीन युद्ध क्षेत्र की वास्तविकताओं और चुनौतियों को प्रतिबिंबित करना चाहिए।


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