सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे बोले- क्वाड सैन्य गठबंधन नहीं, कुछ देशों की आशंका निराधार
थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि कुछ देशों ने अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं होने के बावजूद निराधार आशंकाओं को बढ़ाने के लिए क्वाड या चतुर्भुज गठबंधन को एक सैन्य गठबंधन के रूप में चित्रित किया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि कुछ देश निराधार आशंका को ब़़ढाने के लिए क्वाड को सैन्य गठबंधन बता रहे हैं। हालांकि, अपने दावे के समर्थन में उनके पास कोई ठोस सुबूत नहीं है। क्वाड का मकसद सैन्य गठबंधन बनना नहीं है। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर बहुलतावादी समूह तैयार करना है। बताते चलें कि क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं। ये चारों देश लोकतांत्रिक विचारों को ब़़ढावा देने और चीन की ब़़ढती आक्रामकता के खिलाफ स्वतंत्र, खुला और समावेशी ¨हद--प्रशांत क्षेत्र के पक्ष में हैं।
जनरल नरवणे ने एक विशेषष साक्षात्कार में कहा कि सैन्य गठबंधन बनने की क्वाड की न तो इच्छा है और न ही यह इस दिशा में कोई प्रयास कर रहा है। कुछ देश क्वाड को सैन्य गठबंधन बता रहे हैं। उनका यह डर निराधार है। अपनी आशंका को साबित करने के लिए उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है।
सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने इस आशंका को गलत बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गतिरोध के चलते उस तरफ ज्यादा संसाधन लगाया जा रहा है। इसके चलते नए हथियार खरीदने के लिए सेना के पास फंड की कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष से 21,000 करोड़ के 59 ठेके मंजूर किए जा चुके हैं, जबकि खरीद के कई अन्य प्रस्तावों पर चर्चा जारी है।
हिंद-प्रशांत में क्वाड की अहमियत पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया जोर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका दौरे पर कहा था कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का अनौपचारिक ‘क्वाड’ समूह समकालीन समय में उपजे बेहद महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है, और नई दिल्ली इसमें (क्वाड में) अपनी सदस्यता को लेकर स्पष्ट है। क्वाड का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के बीच सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करना है।