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सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा, भारत की सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोई कोशिश नहीं होने देंगे

जनरल करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह ली थी।पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हाल ही में भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हुई है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 08:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 08:49 PM (IST)
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा, भारत की सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोई कोशिश नहीं होने देंगे
सेना प्रमुख ने कहा, भारत की सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोई कोशिश नहीं होने देंगे। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना का संदेश स्पष्ट है कि वह देश की सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगी। राजधानी दिल्ली में सेना दिवस परेड में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पिछला साल सेना के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने चीन के साथ उत्तरी सीमाओं पर घटनाक्रम का हवाला दिया। सेना दिवस 15 जनवरी को फील्ड मार्शल के एम करियप्पा को भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।

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जनरल करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह ली थी।पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का जिक्र करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हाल ही में भारत और चीन के बीच 14वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों से कई क्षेत्रों में दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं जो अपने आप में एक रचनात्मक कदम है।जनरल नरवणे ने कहा कि आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर मौजूदा हालात का हल निकालने का प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए बर्फ से ढके पहाड़ों पर तैनात जवानों का मनोबल आसमान छू रहा है। हमारा धैर्य हमारे आत्मविश्वास की निशानी है, लेकिन किसी को भी इसे परखने की गलती नहीं करनी चाहिए। हमारा संदेश स्पष्ट है, भारतीय सेना देश की सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगी।

घुसपैठ की फिराक में हैं 300 से 400 आतंकी

जनरल नरवणे ने कहा कि एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर स्थिति पिछले साल की तुलना में बेहतर है लेकिन पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। सीमा पार प्रशिक्षण शिविरों में लगभग 300-400 आतंकवादी भारत में घुसपैठ की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पिछले एक साल में सेना की जवाबी कार्रवाई में कुल 194 आतंकवादी मारे गए। ड्रोन के जरिये सीमा पार से हथियारों की तस्करी के प्रयास जारी हैं।जनरल नरवणे ने कहा कि सक्रिय सैन्य अभियानों के कारण पिछले एक साल में पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इन अभियानों के कारण पूर्वोत्तर के अधिकांश आतंकवादी संगठनों ने संघर्ष विराम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भारत की म्यांमार सीमा सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और असम राइफल्स इस पर उचित ध्यान दे रही है। सेना पूर्वोत्तर में राज्य सरकारों के साथ, केंद्र सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति को संयुक्त रूप से आकार दे रही है।

सेना को आधुनिक बनाने के लिए उठाए जा रहा ठोस कदम

जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना मौजूदा चुनौतियों और भविष्य के खतरों का सामना करने के लिए खुद को आधुनिक बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। आइआइटी जैसे शीर्ष संस्थानों के साथ, सेना ब्लाकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मानव रहित सिस्टम, निर्देशित ऊर्जा हथियार और स्वार्म ड्रोन जैसी नई तकनीकों पर तेजी से काम कर रही है। भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के साथ संयुक्त थिएटर कमांड बनाने की योजना समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है।उन्होंने कहा कि आप भविष्य में बहुत से संबंधित परिवर्तनकारी परिवर्तन देखेंगे। सेना प्रमुख ने पिछले साल के टोक्यो ओलिंपिक में सेना के जवानों की उपलब्धियां भी बताई। उन्होंने कहा कि सेना के 16 एथलीटों ने पिछले ओलिंपिक में हिस्सा लिया और उनमें से एक नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स में भारत का पहला स्वर्ण पदक हासिल किया।


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