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सशस्त्र सेना झंडा दिवसः सैनिकों से मिले पीएम मोदी, अाप भी कर सकते हैं दान

28 अगस्त 1949 को रक्षा मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी ने हर वर्ष सात दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का सुझाव दिया।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 02:14 PM (IST)
सशस्त्र सेना झंडा दिवसः सैनिकों से मिले पीएम मोदी, अाप भी कर सकते हैं दान

नई दिल्ली (एजेंसी)। सशस्त्र सेना ध्वज दिवस के अवसर पर अाज पीएम मोदी केन्द्रीय सैनिक बोर्ड के अधिकारियों से मुलाकात की। इस मौके पर पीएम मोदी के कपड़े पर सैनिकों की अोर से सशस्त्र सेना ध्वज लगाया गया।

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भारतीय सेना के लिए 7 दिसंबर एक अहम दिन है। इस दिन को पूरा देश आ‌र्म्ड फोर्सेज डे यानी सशस्त्र सेना झंडा दिवस के जरिए उन्हें याद करता है। इसकी शुरआत 1949 में हुई थी और इसका मकसद सेनाओं को उनका सही सम्मान देना था।

ऐसे हुई शुरुआत

वर्ष 1947 को मिली आजादी के बाद सरकार के सामने सैनिकों के रख-रखाव के लिए जरूरी पैसे की कमी सामने आई। नागरिकों में सैनिकों के परिवारों के देखभाल की जिम्मेदारी की भावना को पैदा करना इस दिवस के गठन का अहम मकसद था।

28 अगस्त 1949 को रक्षा मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी ने हर वर्ष सात दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का सुझाव दिया। इसके जरिए लोगों को छोटे-छोटे झंडे दिए जाते हैं और बदले में डोनेशन लिया जाता है। सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष की 1993 में स्थापना की गई। आम लोग 10 रुपए से लेकर 10 लाख रपए तक सैनिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए दे सकते हैं। देश में केंद्रीय सैनिक बोर्ड के तहत इस फंड को एकत्र किया जाता है और इसकी देखरेख होती है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड भी रक्षा मंत्रालय का ही हिस्सा है।

इन्हें मिलती है मदद: शहीदों के परिवार के सदस्यों, बच्चों, दिव्यांग सैनिकों, विधवाओं, बिना पेंशन वाले कर्मचारी।

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