सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या हम कचरे के परमाणु बम के फटने का इंतजार करें?
सुप्रीम कोर्ट देश भर में ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 लागू करने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। स मामले में अब 19 मार्च को आगे सुनवाई होगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली के गाजीपुर में कुछ समय पहले 'कचरे के पहाड़' का कुछ हिस्सा टूट कर सड़क पर गिर गया। इसकी चपेट में आकर 2 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसा लगता है कि इस हादसे से दूसरे राज्यों ने कोई सबक नहीं लिया। अगर ऐसा होता, तो सुप्रीम कोर्ट को ठोस कचरे के प्रबंधन के राष्ट्रीय मुद्दे पर इतनी तीखी टिप्पणी करने की कोई आवश्यकता ना होती। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या हम कचरे के परमाणु बम के फटने का इंतजार करें?
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली के अलावा किसी भी अन्य राज्य के वकील के उपस्थित नहीं होने पर काफी नाराजगी जताई और कहा कि यह इस मामले के प्रति उनकी गंभीरता में कमी का सूचक है। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘यह साफ संकेत है कि किसी को भी परवाह नहीं है। अत: भारत का सारा कचरा यहां रह सकता है।'
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि ठोस कचरे के प्रबंधन के बारे में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 28 से प्राप्त विवरण के बारे में उसने हलफनामा दाखिल किया है। पीठ ने जब यह टिप्पणी की कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को इसकी परवाह नहीं है तो नाडकर्णी ने कहा, 'यह तो ऐसा है कि माना हम परमाणु बम पर बैठे हुए हैं।'
इस पर पीठ ने जानना चाहा, 'हमें क्या करना चाहिए? कचरे के परमाणु बम के फटने का इंतजार करें?' पीठ ने कहा कि दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वकील न्यायालय में मौजूद नहीं है और उसने केंद्र से पूछा कि अब क्या करना चाहिए। पीठ ने सवाल किया, 'आप (केंद्र) बताएं, अब हम क्या करें. क्या ठोस कचरे के प्रबंधन के बारे में राज्य सरकारों का यही रवैया है? दिल्ली के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से कोई भी (वकील) मौजूद नहीं है।'
सुप्रीम कोर्ट देश भर में ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 लागू करने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। न्यायालय ने पिछले साल 12 दिसंबर को केंद्र से कहा था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ठोस कचरा प्रबंधन के मामले पर विचार किया जाए और इसका विवरण पेश किया जाए। इस मामले में अब 19 मार्च को आगे सुनवाई होगी।