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एपल ने चीन से किया 275 अरब डालर का करार, जानें इसका मकसद

एपल ने चीन में कंपनी के उत्पादों और सेवाओं पर से संभावित खतरे को टालने के लिए 275 अरब डालर का करार किया है। वर्ष 2016 में पांच वर्षो के लिए हुए करार के तहत कंपनी ने चीन में निवेश गतिविधियां बढ़ाई।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 01:18 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 07:38 AM (IST)
एपल ने चीन से किया 275 अरब डालर का करार

बेंगलुरु, रायटर। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित टेक्नोलाजी कंपनियों में एक एपल इंक (Apple Inc)  ने चीन (China) के अधिकारियों के साथ 275 अरब डालर यानी लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का एक करार किया था। इसका मकसद चीन में कंपनी के उत्पादों और सेवाओं पर संभावित खतरे को खत्म करना था। एपल के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) ने वर्ष 2016 में अपनी चीन यात्रा के दौरान पांच वर्षो के लिए यह करार किया था। खबरों के अनुसार उस समय चीन में कंपनी के उत्पादों और सेवाओं पर कई तरह के नियामकीय प्रतिबंधों का खतरा था। एपल के आंतरिक दस्तावेज में इन खतरों के बारे में बताया गया है।

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रिपोर्ट के अनुसार उस समय चीन के अधिकारियों को ऐसा लग रहा था कि एपल स्थानीय इकोनमी को बढ़ावा देने में पर्याप्त मदद नहीं कर रही है। ऐसे में एपल ने चीनी अधिकारियों के साथ लाबीइंग की और एक स्थानीय सरकारी एजेंसी के साथ करार किया। इसके तहत चीन को कंपनी की तरफ से विशेष छूट दी गई और बदले में कई कानूनी राहत हासिल किए गए। करार के तहत एपल ने चीन की कंपनियों से अधिक कलपुर्जे खरीदने का वादा किया और स्थानीय साफ्टवेयर कंपनियों, विश्वविद्यालयों व चीन की टेक कंपनियों के साथ टेक्नोलाजी संबंधी गठजोड़ किए। इसके साथ ही कंपनी ने चीन में नए रिटेल स्टोर खोले, रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए और नवीन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया।

चीनी अधिकारियों के अनुरोध के बाद एपल ने दुनिया में सबसे लोकप्रिय एप में से एक कुरान एप को हटा दिया है। कुरान मजीद दुनियाभर में एप स्टोर पर उपलब्ध है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारियों के अनुरोध पर एपल ने इसे हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि इस पर गैरकानूनी धार्मिक सामग्री रखने का आरोप है। इस मुद्दे पर टिप्पणी का अनुरोध किए जाने पर चीन सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।

एप हटाए जाने पर सबसे पहले एपल सेंसरशिप का ध्यान गया। एपल सेंसरशिप एक वेबसाइट है, जो दुनियाभर में एपल एप स्टोर की निगरानी करती है। इससे पहले सितंबर में एपल और गूगल दोनों ने रूस चुनावों में विरोध मतदान के समन्वय के लिए बनाए गए एक एप को हटा दिया था। इस एप को रूस के विपक्षी नेता अलेक्सई नवलनी ने तैयार किया था। रूस के अधिकारियों ने दावा किया था कि एप अवैध है। उन्होंने यह भी धमकी दी कि एप को हटाने से मना करने पर दोनों कंपनियों के स्थानीय कर्मचारियों पर मुकदमा करा सकते हैं। चीनी सरकार ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है। इस एप को हटाए जाने पर सबसे पहले एपल के एप स्टोर के विभिन्न एप्लिकेशन की मानिटरिंग करने वाली वेबसाइट एपल सेंसरशिप ने गौर किया।


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