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जयललिता की मौत पर शक और गहराया, कार्डिएक अरेस्‍ट के समय अलग-अलग

जयललिता की मौत मामले में अपोलो की टेक्‍निशियन और अस्‍पताल द्वारा कार्डिएक अरेस्‍ट के लिए बताए गए समय में आधे घंटे का है अंतर।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 02:19 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 03:06 PM (IST)
जयललिता की मौत पर शक और गहराया, कार्डिएक अरेस्‍ट के समय अलग-अलग

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। तमिलनाडु की पूर्व मुख्‍यमंत्री जयललिता की मौत के बाद जिस तरह विवाद और संशय शुरू हुआ था वह एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। दरअसल, इस मौत की जांच कर रहे आयोग के समक्ष अपोलो अस्पताल की एक टेक्निशियन ने कार्डिएक अरेस्ट का जो समय बताया है, वह अस्पताल द्वारा दी गई जानकारी से अलग है। टेक्‍निशियन के अनुसार यह समय शाम के 3.50 बजे का था वहीं अस्‍पताल ने 4.20 का बताया है। अस्‍पताल के ही समय को वीके शशिकला ने भी बताया था। लंबी बीमारी के बाद पांच दिसंबर 2016 को जयललिता का निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनकी मौत के कारणों की जांच की मांग उठने लगी।

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टेक्‍निशियन-अस्‍पताल के समय में आधे घंटे का फर्क
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अपोलो की एक टेक्निशियन नलिनी ने जस्टिस ए. अरुमुगासामी आयोग को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का इकोकार्डियोग्राम टेस्ट 4 दिसंबर, 2016 को अपराह्न 3.50 बजे किया गया जो सामान्‍य तौर पर कार्डिएक अरेस्‍ट के बाद ही किया जाता है। अब टेक्‍निशियन को सही माने तो इसके पहले ही जयललिता को कार्डिएक अरेस्ट आया होगा। जबकि अपोलो अस्पताल की ओर से जारी रिकॉर्ड के अनुसार, जयललिता को 4 दिसंबर, 2016 को अपराह्न 4.20 बजे गंभीर कार्ड‍िएक अरेस्ट आया। जयललिता की सहेली वीके शशिकला ने भी आयोग के समक्ष अस्पताल वाला समय ही बताया है। लेकिन टेक्निशियन नलिनी ने बताया है कि जब वह अपने ऑपरेट्स के साथ जयललिता के कमरे में पहुंची तो वहां पहले से ही डॉक्टर जयललिता को बचाने के लिए हॉर्ट मसाज जैसे उपाय कर रहे थे।

ईसीजी की लीड लेकर गई थी टेक्‍निशियन
टेक्‍निशियन ने कहा, 'इमरजेंसी कॉल की वजह से हम सिर्फ ईसीजी की लीड और मॉनिटर लेकर दौड़ पड़े। मुझे अब भी याद है कि मॉनिटर पर ईसीजी जांच का समय 3.50 PM दिख रहा था।' नलिनी ने जो समय बताया है, वह अपोलो हॉस्पिटल डायबेटोलॉजिस्ट जयश्री गोपाल की रिपोर्ट से अलग है। जयश्री ने बताया है कि उनके पास 4.00 PM पर फोन आया जिसके बाद वह और उनके पति डॉक्टर बाबू के. अब्राहम अस्‍पताल रवाना हो गए।

अस्‍पताल में साथ थे दिनाकरन व शशिकला
अपोलो अस्पताल मुताबिक जयललिता को अपराह्न 4.20 बजे कार्डिएक अरेस्ट आया। इसके बाद डॉक्टरों ने तत्काल ईसीजी और कार्डियोपुलमनरी रिससिटैशन (CPR) किया। इसके बाद सर्जिकल रिससिटैशन और एक्स्ट्राकॉरपोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिजेनेशन (ECMO) किया गया और इसके सहारे जयललिता अगले एक दिन यानी 5 दिसंबर, 2016 तक जीवित थीं। इससे पहले वह लंबे समय अस्पताल में रही थीं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज ए. अरुमुघास्वामी को जांच का जिम्मा दिया गया। जयललिता की अस्पताल में देखरेख शशिकला व दिनाकरन ने की थी।


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