कोरोना के चलते मोदी सरकार कृषि क्षेत्र पर मेहरबान, खेती-किसानी को मिली और राहत
चाय बागानों में भी 50 फीसद तक कर्मचारियों को काम पर बुलाया जा सकता है। इस दौरान सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने की हिदायत भी दी गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खेती-किसानी को कोरोना वायरस से बचने के लिए लागू लॉकडाउन की मुश्किलों से बचाने के लिए सरकार ने कुछ और राहत देने की घोषणा की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कृषि मशीनरी की अंतरराज्यीय आवाजाही की छूट तो पहले ही दे दी थी, लेकिन उससे जुड़े उद्यम के चालू न होने से इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था। इसी के चलते अब कृषि मशीनरी और उनके कल पुर्जो की दुकानें भी लाकडाउन से मुक्त रहेंगी।
रबी फसलों की कटाई को लेकर पेट्रोल पंपों के साथ गैरेजों को भी खोलने की मिली अनुमति
रबी फसलें खेतों में पक कर तैयार खड़ी हैं, जिनकी कटाई बहुत जरूरी हो गई है। इसमें किसी भी तरह की देर किसानों के जीवनयापन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। सरकार ने इसी के मद्देनजर हाईवे पर स्थित पेट्रोल पंपों के साथ गैरेजों को भी खोलने की अनुमति दे दी है, ताकि इन कृषि मशीनरी के आने-जाने में सहूलियत हो सके।
चाय बागान के 50 फीसद कर्मचारी कर सकते हैं काम
चाय बागानों में भी 50 फीसद तक कर्मचारियों को काम पर बुलाया जा सकता है। हालांकि इस दौरान सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने की हिदायत भी दी गई है।
पॉल्ट्री फार्म मालिकों और मछली पालकों को कच्चे माल की ढुलाई में छूट
पॉल्ट्री फार्म मालिकों और मछली पालकों की सहूलियत के लिए उन्हें फीड अथवा कच्चा माल की ढुलाई की छूट दी गई है। पशु चारा, मुर्गी चारा और मछलियों का चारा उत्पादन करने वाली इकाइयों को पहले से ही छूट है। लेकिन इसमें कई तरह की कठिनाइयां पेश आ रही हैं। अनमोल फीड के चेयरमैन अमित सरावगी ने लॉकडाउन से पैदा हुए हालात के बारे में बताया कि केंद्र व राज्य प्रशासन के आदेश के बावजूद स्थानीय स्तर पर कई तरह की मुश्किलें पेश आ रही हैं। सामान की ढुलाई करने वाले ट्रकों का अभाव है। इसकी मूल वजह हाईवे पर पेट्रोल पंप, गैराज और लाइन वाले ढाबों पर पाबंदी है। पंप और गैराज तो खोल दिये गये, लेकिन ट्रक ड्राइवरों के लिए राह में भोजन की गंभीर किल्लत होगी।