अन्ना का पीएम मोदी को पत्र, कहा- जारी रहेगा दिल्ली में आंदोलन
अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री से पत्र के जरिए लोकायुक्त की नियुक्ति व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने को कहा है।
नई दिल्ली (एएनआई)। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष लोकायुक्त की नियुक्ति व स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि जब तक यह दोनों कार्य नहीं होता तब तक दिल्ली में उनका कैंपेन जारी रहेगा।
दरअसल इस संबंध में अन्ना ने प्रधानमंत्री को चार पन्नों का एक पत्र लिखा जिसमेें उन्होंने कहा , ‘जब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं हो जाता तब तक वे अपना अभियान जारी रखेंगे।‘
अपनी मांगों को लेकर अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को लिखी चार पन्नों की चिट्ठी। आप भी पढ़ें... https://t.co/lH4RbwptPS pic.twitter.com/DGhTAKoblm— Dainik jagran (@JagranNews) August 30, 2017
स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट
18 नवंबर 2004 को कृषि की समस्या को गहराई से समझने और किसानों की प्रगति का रास्ता तैयार करने के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग के चेयरमैन कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामिनाथन थे। इसलिए ही इसे स्वामीनाथन रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है। आयोग ने सिफ़ारिश की थी कि किसानों को उनकी फ़सलों के दाम उसकी लागत में कम से कम 50 प्रतिशत जोड़ के दिया जाना चाहिए।
पत्र में उठाए ये मुद्दे
अन्ना हजारे ने अपने पत्र में नाराजगी जाहिर करते हुए आंदोलन के शुरुआत का जिक्र किया है। उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त भारत 2011 में रामलीला मैदान के आंदोलन का जिक्र किया जिसके बाद 27 अगस्त 2011 को भारतीय संसद ने ‘Sense of the House’ से रिज्युलशन पास किया और अन्ना ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।
उन्होंने अपने चार पन्ने वाले पत्र में लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग करते हुए लिखा कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून बनते समय संसद के दोनो सदनों में बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभा रहे आपके पार्टी नेताओं ने भी इस कानून को पूरा समर्थन किया था।
बता दें कि इससे पहले भी अन्ना ने कई बार पत्र लिखा जिसका जवाब उन्हें आज तक नहीं मिला। अन्ना ने लिखा, ‘कानून में स्पष्ट प्रावधान होते हुए भी आप 3 साल से लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्ति नहीं कर सके। इससे ये साफ है कि आप लोकपाल, लोकायुक्त कानून पर अमल करने के लिए इच्छाशक्ति नहीं दिखा रहे हैं।‘ इसके बाद अन्ना ने अपने पत्र में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए स्वामीनाथन आयोग के रिपोर्ट को लागू करने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक 2017 को धन विधेयक के रुप में राजनैतिक दलों को उद्योगपतियों द्वारा दिए जानेवाले चंदे की 7.5 फीसद सीमा हटाई है, कंपनी जितना चाहे उतना दान राजनीतिक दल को दे सकती है, ऐसा प्रावधान किया। जिससे लोकतंत्र नही बल्कि पार्टी तंत्र मजबूत होगा।‘
इन सब कारणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने दिल्ली में अपने आंदोलन को जारी रखने के निर्णय से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया है। उन्होंने लिखा है,’ जब तक उपरोक्त मुद्दों पर जनहित में सही निर्णय और अमल नहीं होता तब तक मैं मेरा आंदोलन दिल्ली में जारी रखूंगा।‘