राकांपा के राष्ट्रीय सम्मेलन से नदारद रहे खफा अजीत
महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के बीच मतभेदों की खाई अब और चौड़ी होती जा रही है। इसकी एक बानगी बुधवार को वड़ोदरा में हुए पार्टी के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन में देखने को मिली, जहां अजीत नदारद दिखाई दिए। इस सम्मेलन में जहां गुजरात में दिसंबर में होने वाले ि
वड़ोदरा। महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के बीच मतभेदों की खाई अब और चौड़ी होती नजर आ रही है। इसकी एक बानगी बुधवार को वड़ोदरा [बड़ौदा] में हुए पार्टी के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन में देखने को मिली, जहां अजीत नदारद दिखाई दिए।
इस सम्मेलन में जहां गुजरात में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा की गई वहीं इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस चुनाव में वह अकेले लड़ेगी या फिर कांग्रेस का हाथ थामेगी। हालांकि इस सम्मेलन में अजीत की कमी के बारे में सभी को पता था। लेकिन इस पर सफाई देने के लिए केवल केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ही सामने आए। उन्होंने कहा कि अजीत तबियत खराब होने की वजह से इस बैठक का हिस्सा नहीं बन सके। उन्होंने अजीत और पार्टी के बीच मतभेदों के सवालों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।
गौरतलब है कि अजीत ने महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक इस्तीफा देकर राज्य की सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी। माना जा रहा था कि उनकी मंशा राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान को वहां से हटाने की थी, लेकिन उनकी इस मंशा पर राकांपा के अध्यक्ष ने पानी फेर दिया। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को इस्तीफा स्वीकार करने की बात कहकर अपने और अजीत के बीच एक बड़ी दरार बना ली। माना यह भी जा रहा है कि पार्टी के सम्मेलन में हिस्सा न लेने की एकमात्र वजह यही है।
बीते सप्ताह ही राकांपा प्रमुख ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान से मुलाकात कर राकांपा और कांग्रेस के बीच आए मतभेदों को पाटने की कोशिश की थी। इन तमाम बातों में शरद पवार ने दोनों पार्टियों में सब कुछ ठीक होने का संदेश देने की कोशिश की थी।
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