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आंध्र में आशा वर्कर की मौत पर हंगामा, 19 जनवरी को लगा था कोरोना का टीका

आशा वर्कर विजया लक्ष्मी के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत टीके के कारण हुई। इस मामले में आशा वर्करों ने सरकारी अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया और मृतका के परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:34 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:34 AM (IST)
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मौत टीके के कारण नहीं हुई है।

अमरावती, आइएएनएस। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में 19 जनवरी को कोरोना का टीका लगवाने वाली 44 वर्षीय आशा वर्कर विजया लक्ष्मी की रविवार को मौत हो गई। परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उसकी मौत टीके के कारण हुई। इस मामले में आशा वर्करों ने सरकारी अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया और मृतका के परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की। इस दौरान सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के एक नेता की जिला कलेक्टर से बहस भी हो गई। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने जबरन हटाया।

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लगता नहीं कि टीके से हुई मौत

वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन ऐसा नहीं लगता कि मौत टीके के कारण हुई है, क्योंकि जिले में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ है और किसी में भी विपरीत असर की रिपोर्ट नहीं हुई है।

वारंगल में आंगनवाड़ी शिक्षिका की मौत 

वहीं, तेलंगाना के वारंगल जिले से भी 45 वर्षीय एक आंगनवाड़ी शिक्षिका की मौत की खबर आई है। उसे भी 19 जनवरी को टीका लगा था। शनिवार रात सीने में दर्द होने पर वह कुछ दवाएं लेकर सो गई और रविवार सुबह मृत पाई गई। पोस्टमार्टम के लिए उसका शव महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाया गया है और जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं।

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