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ऑडिटर्स ने sc में बताया, आम्रपाली ने घर खरीदारों का पैसा एक क्रिकेटर के परिवार की कंपनी को दिया गया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ने ग्राहकों से धोखाधड़ी कर उनके पैसे डायवर्ट किए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिटर्स ने अपनी फोरेंसिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 11:57 PM (IST)
ऑडिटर्स ने sc में बताया, आम्रपाली ने घर खरीदारों का पैसा एक क्रिकेटर के परिवार की कंपनी को दिया गया

नई दिल्‍ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ने ग्राहकों से धोखाधड़ी कर उनके पैसे डायवर्ट किए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिटर्स ने अपनी फोरेंसिक रिपोर्ट में देखा है कि आम्रपाली ने उन कंपनियों के साथ संदिग्ध तरीके से समझौते किए जिनमें पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी के बड़े स्‍टेक हैं।

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फॉरेंसिेक ऑडिटर पवन कुमार अग्रवाल और रविंदर भाटिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सनसनीखेज खुलासे किए गए। इसमें पता चला है कि आम्रपाली ने रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ "फर्जी" समझौते किए। धोनी के रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में प्रमुख स्‍टेक हैं जबकि साक्षी आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं। अप्रैल 2016 तक धोनी आम्रपाली के एक ब्रांड एंबेसडर थे। वे हजारों असंतुष्ट खरीदारों के दबाव के बाद उससे हटे।

जस्टिस अरुण मिश्रा और यू यू ललित की सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने मंगलवार को पुन: पेश की गई फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि हमें लगता है कि घर खरीदारों का पैसा अवैध रूप से और गलत तरीके से रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास भेज दिया गया है और उनसे यह वसूला जाना चाहिए क्योंकि हमारी राय में उक्त समझौता कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है।

अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 23 कंपनियों को सूचीबद्ध किया, जो केवल कार्यालय के लड़कों, बिना आय और डमी कंपनियों वाले व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को शामिल करने के लिए बनाई गई थीं, जिसमें परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को केवल कुछ लेनदेन के लिए सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। इनमें से दो कंपनियां आम्रपाली माही और आम्रपाली मीडिया विजन प्राइवेट लिमिटेड भी थीं।

रिकॉर्ड के अनुसार, साक्षी धोनी को नकद में पैसा मिला और सभी खर्चे नकद में दिए गए। ऑडिटर्स ने कोर्ट को जानकारी दी कि यह कंपनी रांची में प्रोजेक्‍ट के लिए बनाई गई थी। पार्टियों के बीच किए गए समझौते के कागजात उन्‍हें नहीं दिए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि आम्रपाली मीडिया विजन प्राइवेट लिमिटेड को फिल्मों को बनाने के लिए पैसा डायवर्ट करने के लिए बनाई गई थी। रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को प्रोफेशनल शुल्क और विज्ञापन खर्च आदि के लिए 24 करोड़ रुपये दिए गए।


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