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सरकार ने खारिज की संसद के विशेष सत्र की मांग

महिलाओं के प्रति अपराध के खिलाफ सख्त कानून के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के मुद्दे पर भाजपा और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा जहां संसद के विशेष सत्र के लिए दबाव बना रही है, वहीं सरकार ने सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया को तेज कर विपक्ष की इस मांग को एक तरह से खारिज ही कर दिया है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने फिलहाल सत्र बुलाने के औचित्य पर सवाल उठाया है, वहीं गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर उनसे जस्टिस वर्मा कमेटी को सख्त कानून के लिए अपनी राय देने को कहा है।

By Edited By: Published: Mon, 31 Dec 2012 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2012 09:57 PM (IST)
सरकार ने खारिज की संसद के विशेष सत्र की मांग

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महिलाओं के प्रति अपराध के खिलाफ सख्त कानून के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के मुद्दे पर भाजपा और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा जहां संसद के विशेष सत्र के लिए दबाव बना रही है, वहीं सरकार ने सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया को तेज कर विपक्ष की इस मांग को एक तरह से खारिज ही कर दिया है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने फिलहाल सत्र बुलाने के औचित्य पर सवाल उठाया है, वहीं गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर उनसे जस्टिस वर्मा कमेटी को सख्त कानून के लिए अपनी राय देने को कहा है।

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इस साल यानी 2012 के आखिरी दिन लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बलात्कार के दोषियों को फांसी की पुरजोर पैरवी की। दिल्ली भाजपा की तरफ से श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बेहद भावुक भाषण में उन्होंने संप्रग सरकार को संवेदनहीन ठहराया। साथ ही विशेष संसद सत्र न बुलाने के लिए भी उन्होंने सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार नौटंकी कर रही है। इस मुद्दे पर तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। सुषमा ने दुष्कर्म के बाद हत्या करने वालों के लिए दया याचिका का प्रावधान खत्म करने की मांग भी उठाई है। रविवार को भी पार्टी ने दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषियों को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा माफी दिए जाने पर सवाल उठाए थे।

विपक्ष की तरफ से लगातार संसद सत्र बुलाने के बढ़ रहे दबाव के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर आगे बढ़ने की जल्दबाजी में नहीं है। वित्त मंत्री चिदंबरम ने साफ कहा भी कि 'विशेष सत्र तब बुलाया जाता है, जबकि कोई विशेष कानून बनाना होता है या फिर कोई विधेयक पारित कराना हो। कानून का मसौदा तैयार करने के लिए जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी गठित की गई है। वह एक माह में रिपोर्ट देगी। उसके बाद ही सरकार संसद सत्र के बारे में फैसला लेगी।

विशेष सत्र की मांग कर रहे विपक्ष का मुंह बंद करने के लिए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े कानून में संशोधन का सुझाव देने को कहा है। शिंदे ने ये सुझाव जस्टिस वर्मा कमेटी को जल्द से जल्द भेजने का आग्रह किया है। पिछले हफ्ते गठित वर्मा समिति को एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी है। इसके पहले जस्टिस वर्मा कमेटी आम जनता, गैर सरकारी व महिला संगठनों और कानूनविदों से इस पर सुझाव मांग चुकी है।

वहीं, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संसद के विशेष सत्र की मांग में सेना से सेवानिवृत्त हो चुके जनरल वीके सिंह भी कूद गए हैं। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र की मांग केवल इसलिए न मानी जाए क्योंकि उसे विपक्ष से किसी ने उठाया है, यह ठीक नहीं है। वहीं, उन्होंने विपक्ष को भी असफल बताया और कहा कि वाकई वे इतने गंभीर थे तो जनता के साथ सड़क पर क्यों नहीं उतरे।

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