खेती विरासत मिशन के साथ आए आमिर खान
पंजाब की हवा, मिट्टी व पानी में कीटनाशकों और रासायनिक खादों के अंधाधुंध इस्तेमाल की बदौलत फैल रहे जहर के खिलाफ सात वर्षो से जंग लड़ रहे खेती विरासत मिशन [केवीएम] को बालीवुड सुपरस्टार आमिर खान का साथ मिल गया है। टीवी रियलिटी शो सत्यमेव जयते में कीटनाशकों व रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव को उजागर करने के बाद
बठिंडा। पंजाब की हवा, मिट्टी व पानी में कीटनाशकों और रासायनिक खादों के अंधाधुंध इस्तेमाल की बदौलत फैल रहे जहर के खिलाफ सात वर्षो से जंग लड़ रहे खेती विरासत मिशन [केवीएम] को बालीवुड सुपरस्टार आमिर खान का साथ मिल गया है।
टीवी रियलिटी शो सत्यमेव जयते में कीटनाशकों व रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव को उजागर करने के बाद आमिर ने केवीएम की आर्थिक मदद की घोषणा की है। केवीएम जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब भर में जनादोलन चला रहा है।
पर्यावरण व स्वास्थ्य को बचाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के मकसद से 1997 से इस मिशन में जुटे उमेंद्र दत्त ने खेती विरासत मिशन की स्थापना मार्च 2005 में की। फरीदकोट जिले के जैतो में इसका मुख्यालय है। मिशन से सिर्फ साधारण किसान ही नहीं, बल्कि डाक्टर, वैज्ञानिक, वकील, साहित्यकार व बुद्धिजीवियों को भी जोड़ा गया है। पंजाब के हर जिले में इकाइया गठित कर जनादोलन का रूप दिया गया है। हरित क्राति के बाद देश का अन्न भंडार भरने वाले पंजाब के खेतों में जिस तरीके से अंधाधुंध जहर यानी रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल हुआ उसे रोकने की कोशिश शुरू की खेती विरासत मिशन ने।
किसानों को जागरूक करने के लिए कहीं सेमिनार, कहीं नुक्कड़ बैठकें की गई तो कहीं गाव की चौपाल का सहारा लिया गया। उमेंद्र दत्त चाहते थे कि हरित क्रांति ने कीटनाशक व रासायनिक खादों का इस्तेमाल सिखाकर जिस तरह किसानों को कंपनियों व बाजार पर निर्भर कर दिया है उसे खत्म किया जा सके।
उमेंद्र दत्त कहते हैं कि इस वक्त हम 40 फीसद यूरिया, 97 फीसद फास्फोरस व 100 फीसद पोटाश आयात करते हैं। अगर ऐसा न हो तो रासायनिक खेती तबाह हो जाएगी, लेकिन अगर हम जैविक कृषि करते हैं तो देश आत्मनिर्भर बनेगा। शुद्ध व सुरक्षित भोजन को हर इंसान का अधिकार बताते हुए दत्त कहते हैं कि वह भोजन कैसा जो हमें तंदुरुस्ती के बजाय बीमार बना दे इसलिए पर्यावरण व स्वास्थ्य को बचाने के लिए जैविक कृषि ही इकलौता विकल्प है।
मिशन के प्रयासों की बदौलत इस वक्त पंजाब के विभिन्न हिस्सों में 500 किसान जैविक कृषि कर रहे हैं। आमिर खान के जैविक कृषि को सब्सिडी देने की माग को आगे बढ़ाते हुए उमेंद्र दत्त कहते हैं कि ऐसे किसानों को भी 5 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पर्यावरण, मिट्टी व पानी सुरक्षा के नाम पर बोनस देना चाहिए।
खेती विरासत मिशन को वित्तीय सहायता देने का फैसला आमिर खान ने पूरी जाच के बाद किया। उनकी टीम ने खुद केवीएम से संपर्क किया और शूटिंग के बहाने उनके कार्यकर्ताओं से कामकाज की पूरी जानकारी ली। पूरी पुष्टि होने के बाद ही सेंटर फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर [सीएफएसए] हैदराबाद के साथ केवीएम को चुना गया।
केवीएम के कार्यकारी निदेशक उमेंद्र दत्त ने आमिर खान का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब किसानों के साथ आम लोगों को भी जैविक कृषि के जरिए उगे अनाज व फल-सब्जियों के बारे में प्रेरित किया जाएगा।
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