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पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात कर सकते हैं राजनाथ सिंह

बता दें इससे पहले भारत-चीन तनाव के बीच चीन के रक्षा मंत्री जरनल वी फेंघे (Wei Fenghe) ने रूस में मौजूद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने की इच्छा जाहिर की थी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 03:12 PM (IST)
पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात कर सकते हैं राजनाथ सिंह
पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात कर सकते हैं राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्वी लद्दाख में बढ़े तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) आज चीनी रक्षा मंत्री वी फेंघे(Wei Fenghe) से मुलाकात कर सकते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) शुक्रवार शाम मॉस्को में चीनी समकक्ष वी फेंघे (Wei Fenghe) के साथ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक मंत्रिस्तरीय बैठक के मौके पर बातचीत कर सकते हैं। एक सूत्र ने कहा कि बैठक होने की संभावना है।

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गौरतलब है कि राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री के बीच होने वाली यह बैठक चीनी रक्षा मंत्री द्वारा अनुरोध के बाद हो रही है। चीन के रक्षा मंत्री जरनल वी फेंघे (Wei Fenghe) ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन के समक्ष यह इच्छा व्यक्त की। 

मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा रेखा पर तनाव बढ़ने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बैठक होगी, हालांकि, इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। बता दें कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और चीनी रक्षा मंत्री वी फेंघे (Wei Fenghe) एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए फिलहाल मॉस्को में हैं। आज मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की एक बैठक होने वाली है।

भारत-चीन के बीच तनाव बरकरार

पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर 29-30 की दरियानी रात और 31 अगस्त की रात चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की कोशिश के कारण बढ़े तनाव बाद से ही भारत और चीन के बीच तल्खियां जारी है। भारत पैंगोंग झील के उत्तरी इलाकों से चीन को अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए कह रहा है। चीन की कारस्तानी के कारण ही ब्रिगेडियर स्तर की पहले चार दिन हुई वार्ता में कोई हल नहीं निकल पाया। गुरुवार को पांचवें दिन की बैठक से भी किसी तरह के नतीजों के संकेत नहीं मिले हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच हालात और बिगड़ रहे हैं।

पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे में भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे के असफल प्रयास के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। यह ऐसे समय में हुआ जब दोनों देश सीमावर्ती सीमा पर गतिरोध को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता में लगे हुए थे। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई सामरिक ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया और किसी भी चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया। भारत के इस कदम पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है।

चीन के साथ जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे लद्दाख दौरे पर हैं। वह लेह में सेना की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। सेना प्रमुख ने आज कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात नाजुक हैं, लेकिन सेना सेना, चीन की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तैयारी है।

भारत-रूस मे अहम समझौता

बता दें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर है। इस दौरान वह आज एससीओ की बैठक में शामिल होंगे। मॉस्को दौरे पर भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 राइफल भारत में बनाने के लिए एक ब़़ड़े समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। आधिकारिक रूसी मीडिया ने यह जानकारी दी। एके-203 राइफल, एके-47 राइफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है। यह 'इंडियन स्मॉल आ‌र्म्स सिस्टम' (इंसास) 5.56 गुना 45 मिमी राइफल की जगह लेगा।


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