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देश में आक्सीजन की नहीं है कमी, जरूरत पड़ने पर 19 हजार टन की हो सकती है आपूर्ति

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने कहा है कि देश में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और जरूरत पड़ने पर रोजाना 19000 टन तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 08:21 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 08:21 PM (IST)
देश में आक्सीजन की नहीं है कमी। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने कहा है कि देश में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और जरूरत पड़ने पर रोजाना 19,000 टन तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है। दूसरी तरफ निर्यात और आयात संबंधी कारोबार को प्रभावित होने से रोकने और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन को दुरुस्त रखने के लिए डीपीआईआईटी की तरफ से एक हेल्पडेस्क बनाया गया है।

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दूसरी लहर के दौरान रोजाना 9000 टन की पड़ी थी जरूरत

डीपीआईआईटी के मुताबिक सरकार आक्सीजन आपूर्ति के मामले में पहले से काफी बेहतर स्थिति में है और जरूरत पड़ने पर 19,000 टन तक आक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है। दूसरी लहर के दौरान रोजाना 9000 टन तो पहली लहर के दौरान 3000 टन आक्सीजन की जरूरत पड़ी थी।

तीसरी लहर में अब तक आक्सीजन की खास जरूरत नहीं पड़ रही

डीपीआईआईटी के मुताबिक ओमिक्रोन से जुड़ी इस तीसरी लहर में अब तक आक्सीजन की खास जरूरत नहीं पड़ रही है और रोजाना अधिकतम 1600 टन आक्सीजन की जरूरत देखी गई है। डीपीआईआईटी ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में लगाए जा रहे प्रतिबंधों की वजह से आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन की लगातार निगरानी की जा रही है और जरूरत पड़ने पर उन्हें दूर करने में कोई देर नहीं की जाएगी।

राज्यों से भी विभाग लगातार संपर्क में रहेगा

निर्माण, परिवहन, वितरण, थोक या ई-कॉमर्स कंपनियों को माल के परिवहन और वितरण या संसाधनों को जुटाने में किसी भी तरह की परेशानी आने पर वे डीपीआईआईटी में फोन या ईमेल के जरिए संपर्क कर सकते हैं। ''कोविड-19 हेल्पडेस्क'' वाणिज्य विभाग, विदेश व्यापार महानिदेशालय, आयात व निर्यात से जुड़े लाइसें¨सग मुद्दों, सीमा शुल्क निकासी में देरी, आयात-निर्यात दस्तावेज से संबंधित मुद्दों, बैंकिंग मामलों आदि से संबंधित मुद्दों से जुड़ी जटिलताओं को दूर करने में मदद करेगा। राज्यों से भी विभाग लगातार संपर्क में रहेगा। 


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