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एडवेंचर ट्रिप पर आये अमेेरिकन नागरिक का कत्ल, 7 लोग गिरफ्तार

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर एक अमेरिकी टूरिस्ट की हत्या कर दी गई।

By Vikas JangraEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 06:28 PM (IST)
एडवेंचर ट्रिप पर आये अमेेरिकन नागरिक का कत्ल, 7 लोग गिरफ्तार

पोर्ट ब्लेयर, एजेंसी। भारत में एडवेंचर ट्रिप अंडमान-निकोबार द्वीप समूह घूमने आए एक अमेरिकी नागरिक की अंडमान में हत्या कर दी गई। फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक जॉन एलन उत्तरी सेंटीनल द्वीप पर गया था, जहां स्थानीय जनजातीय समुदाय (सेंटिनेलिस) के लोगों ने उसकी हत्या कर दी। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी नागरिक जॉन स्थानीय मछुआरों की मदद से पांच दिन पहले सेंटीनेलिस समुदाय के लोगों से मिलने पहुंचा था लेकिन वापस नहीं लौटा। बाद में स्थानीय मछुआरों की मदद से उसका शव बरामद हुआ। सेंटिनेलिस एक जनजातीय समुदाय है जो दक्षिण अंडमान के उत्तरी सेंटिनल द्वीप में रहता है।

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मंगलवार देर रात इस हत्या को लेकर पुलिस विभाग की बैठक होती रहीं और हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चलती रही। इसके बाद स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि सेंटिनेलिस समुदाय के अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।  बताया जाता है कि इससे पहले भी अमेरिकी नागरिक करीब 5 बार पहले भी यहां आ चुका था और सेंटिनेलिस समदुाय के लोगों से मिल चुका था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ मछुआरों ने जॉन के शव को देखा और पुलिस को सूचना दी। 

कुछ ऐसा रहा घटनाक्रम 
1- अमेरिकी नागरिक जॉन एलन की हत्या के बाद मछुआरों ने पुलिस को बताया कि वे 14 नवंबर को सेंटिनेलिस द्वीप पर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वो असफल रहे। सेंटिनेलिस समुदाय के बारे स्थानीय लोगों के माध्यम से पता चला कि वो बाहरी दुनिया के संपर्क में रहना पसंद नहीं करते। 

2-  पहले प्रयास में असफल होने के दो दिन बाद यानि 16 नवंबर को जॉन पूरी तैयारी के साथ फिर से द्वीप पर पहुंचे, इस दौरान उन्होंने अपनी नाव बीच रास्ते में ही छोड़ दी और टेंट के साथ थोड़ा और सामान लेकर द्वीप में प्रवेश कर गए। स्थानीय मछुआरों ने बताया कि जॉन ने जैसे ही द्वीप में कदम रखा सेंटिनेलिस समुदाय के आदिवासियों ने  उन पर तीर-कमान से हमला कर दिया गया। 

3- जॉन की हत्या करने के बाद सेंटिनेलिस समुदाय के लोग उनके शव को रस्सी में बांधकर घसीटते हुए समुद्र तट तक ले गए और शव को रेत में दफना दिया। इस घटना को देखकर मछुआरे वहां से डरकर भाग गए। अगले दिन सुबह जब वो उस जगह पहुंचे तो उन्होंने देखा कि जॉन का शव समुद्र किनारे पड़ा था,  लेकिन मछुआरे उस शव को अपने साथ लाने की हिम्मत नहीं कर सके।

4- डरे हुए मछुआरे राजधानी पोर्ट ब्लेयर पहुंचे और मामले की जानकारी जॉन के दोस्त और स्थानीय उपदेशक एलेक्स को दी। एलेक्स ने अमेरिका में रहने वाले जॉन के घरवालों को पूरी घटना के बारे में बताया, इसके बाद नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से मदद मांगी।

5- दूतावास में जॉन के घर वालों तक उनकी मृत्यु का संदेश पहुंचा और अमेरिकी अधिकारियों की शिकायत के बाद पुलिस ने उन सातों मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया जिनके साथ जॉन उस प्रतिबंधित द्वीप गए थे। पुलिस अधिकारियों ने जॉन का शव खोजने के लिए हेलीकाप्टर भेजा, लेकिन वे सेंटिनेलिस समुदाय के हमले की वजह से द्वीप पर हेलीकाप्टर नहीं उतार सके।

6- जॉन के उपदेशक मित्र एलेक्स ने पुलिस को बताया कि जॉन पिछले कई सालों में कई बार अंडमान आ चुके थे। वो खुद भी उपदेशक थे, जो सेंटिनेलिस समुदाय से बातचीत करके उनका धर्म परिवर्तन करवाना चाहते थे। स्थानीय लोगों से पता चला कि सेंटिनेलिस समुदाय का ये इलाका प्रतिबंधित क्षेत्र है यहां पर जाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होती है।

7- पुलिस ने बताया कि जॉन को जो सात मछुआरे उत्तरी सेंटिनेलिस द्वीप ले गए थे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस जनजाति और इस इलाके को संरक्षित श्रेणी में रखा गया है, और जॉन बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के यहां पहुंचे थे इसलिए अब इस मामले पर कानूनी कार्रवाई भी नहीं होगी। उन्होंने सेंटिनेलिस समुदाय के लोगों से मिलने की इच्छा जताते हुए मछुआरों को उनके पास ले जाने के लिए राजी कर लिया था।


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