Move to Jagran APP

अमेरिका ने बरकरार रखी भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग

अमेरिकी विमानन सुरक्षा एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन-एफएए ने भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग में कमी न करने का फैसला किया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 09:42 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 09:42 PM (IST)
अमेरिका ने बरकरार रखी भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग
अमेरिका ने बरकरार रखी भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका द्वारा भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग में कमी किए जाने का खतरा टल गया है। अमेरिकी विमानन सुरक्षा एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन-एफएए ने भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग में कमी न करने का फैसला किया है। मंगलवार को किए ऑडिट में एफएए की टीम ने डीजीसीए के विमानन सुरक्षा उपायों पर संतोष जाहिर करते हुए भारत की श्रेणी-1 की रैंकिंग को बनाए रखने का निर्णय सुनाया।

loksabha election banner

इससे पहले इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गनाइजेशन-आइसीओ भारत की रैंकिंग घटा चुका है। इस निर्णय के बाद अगले वर्ष आइसीएओ द्वारा भी भारत की रैंकिंग बहाल किए जाने की उम्मीद है।

विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रेस वार्ता में कहा कि एफएए ने इस वर्ष जुलाई में डीजीसीए का सालाना ऑडिट किया था। जिसमें उसने भारतीय एयरलाइनों द्वारा इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गनाइजेशन आइसीएओ द्वारा निर्धारित नियम-प्रक्रियाओं के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की थी और डीजीसीए को कुछ चीजें दुरुस्त करने को कहा था। डीजीसीए ने इनमें सुधार कर नवंबर में एफएए का इसकी जानकारी दी थी। मंगलवार को एफएए की टीम ने डीजीसीए के दावों की मौके पर पड़ताल कर न केवल इन उपायों पर मुहर लगा दी, बल्कि इस बात का ऐलान भी कर दिया कि भारत की कैटेगरी-1 की एविएशन सेफ्टी रैंकिंग बरकरार रखी जा रही है।

जुलाई के ऑडिट में एफएए ने तकरीबन 30 खामियां गिनाई थीं। डीजीसीए इन सभी का संतोषजनक समाधान पेश करने में सफल रहा। एफएए की सबसे बड़ी शिकायत इस बात को लेकर थी कि कुछ एयरलाइनें डीजीसीए अनुमोदित फ्लाइट आपरेशन इंस्पेक्टरों के बगैर ही अमेरिका के लिए चार्टर्ड उड़ानों का संचालन कर रही हैं। इस पर डीजीसीए ने ऐसी सभी एयरलाइनों के लिए विमानों में उसके द्वारा अनुमोदित फ्लाइट आपरेशन इंस्पेक्टर तैनात करना आवश्यक कर दिया।

अमेरिका द्वारा भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग को बरकरार रखा जाना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले पिछले वर्ष आइसीएओ 'प्रभावी कार्यान्वयन' क्षमता में कमी (65.82 फीसद से घटकर 57.44 फीसद) के कारण भारत की रैंकिंग को एक दर्जा घटा चुका है। इस वर्ष नवंबर में किए दूसरे ऑडिट में आइसीएओ ने डीजीसीए से कहा था कि कुछ उपायों को करके भारत अपनी ईआइ को 62 फीसद के वैश्विक औसत से बढ़ाकर 74 फीसद कर सकता है।

एफएए की क्लीन चिट के बाद अब भारतीय एयरलाइनों, खासकर एयर इंडिया को अमेरिका के लिए नई उड़ाने शुरू करने में कोई बाधा नहीं आएगी। न ही उसके विमानों को अमेरिका में कड़ी जांच से नहीं गुजरना होगा। यदि एयर इंडिया चाहे तो अमेरिका के लिए उड़ानों में बढ़ोतरी भी कर सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.