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रूस से भारत की तेल खरीद पर अमेरिका को आपत्ति नहीं, सहायक विदेश मंत्री पाएट बोले- हमारी दोस्ती कायम रहेगी

भारत आए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री पाएट ने कहा कि भारत जी 7 की नीति के अनुसार ही कार्य कर रहा है। भारत प्रतिदिन करीब 12 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद रूस से कर रहा है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaPublished: Sat, 18 Feb 2023 01:19 AM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2023 01:19 AM (IST)
रूस से भारत की तेल खरीद पर अमेरिका को आपत्ति नहीं, सहायक विदेश मंत्री पाएट बोले- हमारी दोस्ती कायम रहेगी
अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्रे आर पाएट।

नई दिल्ली, प्रेट्र। रूस से कच्चे तेल की खरीद की भारत की नीति पर अमेरिका को कोई आपत्ति नहीं है। भारत अमेरिका का खास सहयोगी है और बना रहेगा। यह बात अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्रे आर पाएट ने कही है। यूक्रेन युद्ध के एक वर्ष के दौरान रूस से भारत की तेल खरीद पर अमेरिका की ओर से पहली बार इतना स्पष्ट बयान आया है।

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मोदी सरकार ने नहीं लिया कोई दबाव 

रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने बीते एक वर्ष में हर संभव कोशिश की है। इसके तहत भारत को रूस से तेल खरीदने से रोकने के लिए भी दबाव बनाया गया। लेकिन मोदी सरकार ने दबाव को नकारते हुए रियायती दर पर रूस से तेल की खरीद जारी रखी। इस समय प्रतिदिन करीब 12 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद रूस से हो रही है। लेकिन अब अमेरिका ने भारत की नीति को लेकर कोई विरोधाभास न होने की बात कही है।

भारत जी 7 की नीतियों के अनुरूप कर रहा कार्य

अमेरिका के ऊर्जा मामलों के सहायक विदेश मंत्री पाएट ने विशेष बातचीत में कहा, भारत जी 7 की नीतियों के अनुरूप ही कार्य कर रहा है। वह रूस से सस्ती दर पर तेल खरीदकर उसके तेल से होने वाले आर्थिक लाभ को कम कर रहा है। इससे रूस का राजस्व कम हो रहा है और उसके खजाने पर असर पड़ रहा है।

भारत की नीति से अमेरिका को दिक्कत नहीं

भारत और रूस के बीच रुपये-रूबल में भुगतान वाले कारोबार को बढ़ावा देने पर अमेरिका क्या भारतीय बैंकों पर प्रतिबंध लगा सकता है ? इस सवाल के जवाब में पाएट ने कहा, अभी इस तरह की आशंका नहीं जताई जानी चाहिए। अमेरिका का उद्देश्य केवल रूस को दंडित करना है। उन्होंने कहा, ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत की जो नीति है उससे अमेरिका को कोई कठिनाई नहीं है।

मोलभाव करके सस्ता कच्चा तेल खरीद रहा भारत

बता दें कि भारतीय कंपनियां रूस के साथ काफी मोलभाव करके सस्ता कच्चा तेल खरीद रही हैं। इसके बाद वे उसका शोधन कर उसे विश्व बाजार में बेच रही हैं। इससे बाजार में मूल्य को लेकर प्रतियोगिता बनी हुई है और भारतीय कंपनियों को अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है। 16-17 फरवरी को भारत के दौरे पर आए अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री ने कहा, भारत अमेरिका का खास सहयोगी देश है। हर क्षेत्र में उसके साथ हमारे संबंधों का विकास हो रहा है। दोनों देश ग्रीन हाइड्रोजन से लेकर परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।


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