सीमा पार से हर्रियत नेताओं व पुलिसकर्मियों को धमकी
श्रीनगर [नवीन नवाज]। अफजल गुरु के बहाने कश्मीर में देश विरोधी ताकतें भी सक्रिय हो गई हैं। वादी में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सीमा पार से हर्रियत नेताओं और पुलिसकर्मियों को धमकी मिली है। कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान भारत सरकार द्वारा मौलाना मसूद अजहर के साथ रिहा किए गए अल-उमर मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन के चीफ कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरम ने हर्रियत नेताओं को नई दिल्ली से किसी भी बातचीत से दूर रहने की चेतावनी दी है। साथ ही पुलिसकर्मियों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने अपनी कश्मीर-विरोधी कार्रवाई जारी रखी तो हम उनके परिजनों को निशाना बनाएंगे।
श्रीनगर [नवीन नवाज]। अफजल गुरु के बहाने कश्मीर में देश विरोधी ताकतें भी सक्रिय हो गई हैं। वादी में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सीमा पार से हर्रियत नेताओं और पुलिसकर्मियों को धमकी मिली है। कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान भारत सरकार द्वारा मौलाना मसूद अजहर के साथ रिहा किए गए अल-उमर मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन के चीफ कमांडर मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरम ने हर्रियत नेताओं को नई दिल्ली से किसी भी बातचीत से दूर रहने की चेतावनी दी है। साथ ही पुलिसकर्मियों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने अपनी कश्मीर-विरोधी कार्रवाई जारी रखी तो हम उनके परिजनों को निशाना बनाएंगे।
गुलाम कश्मीर से एक टेलीफोन वार्ता में जरगर ने कहा कि अफजल गुरु की फांसी निंदनीय है, लेकिन इससे वादी में जारी हमारी जद्दोजेहद या कश्मीर समस्या पर किसी तरह का असर नहीं होगा। इससे हमारी तहरीक में ही तेजी आएगी। लगभग आठ साल बाद किसी स्थानीय मीडियाकर्मी के साथ बातचीत में जरगर ने हुर्रियत कांफ्रेंस और नई दिल्ली के बीच कश्मीर समस्या के समाधान के लिए किसी भी बातचीत का विरोध करते हुए कहा कि जो बातचीत करने जाएगा, वह अपने अंजाम का जिम्मेदार होगा। हम बातचीत का विरोध करते हैं।
जरगर ने कहा कि कश्मीर समस्या का हल सिर्फ संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों के अनुरूप ही हो सकता है। अगर इसे दरकिनार करते हुए कोई कश्मीरी नेता या हुर्रियत के लोग नई दिल्ली बातचीत करने जाएंगे तो हमें मंजूर नहीं होगा।
पांच फरवरी 2004 को अपने डिप्टी रफीक लिदरी के डाउन-टाउन में मारे जाने के बाद से लगभग निष्क्रिय हो चुके जरगर ने दोबारा कश्मीर में अपनी गतिविधियों में तेजी लाने का संकेत देते हुए कहा कि हमारी पुलिसकर्मियों से गुजारिश है कि वे कश्मीरियों के खिलाफ किसी कार्रवाई में हिस्सा न लें। अगर उन्होंने कश्मीरी नौजवानों के प्रति अपना रवैया नहीं बदला तो हम भी जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर हो जाएंगे। वे बेशक खुद सुरक्षा घेरे में रहते हों, लेकिन उनके परिजन कहां रहते हैं, वह सारी जानकारी हमारे पास रहती है।
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