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मेमोरी चिप बनाने में भी उपयोगी है एलोवेरा, आइआइटी इंदौर के शोधकर्ताओं ने अध्ययन कर लगाया पता

इस अध्ययन से जुड़ीं शोधकर्ता तनुश्री घोष के मुताबिक एलोवेरा के फूलों में ऐसे रासायनिक अवयव हैं जिनसे इलेक्ट्रानिक मेमोरी प्रभावित होती है और बैट्री की मदद से इन रासायनिक अवयवों का उपयोग इलेक्ट्रानिक रूप से डाटा को स्टोर करने में किया जा सकता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 06:05 PM (IST)
इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में उपयोगी साबित हो सकती है यह खोज

नई दिल्ली, आइएसडब्ल्यू। प्रकृति ने हमें जीवन के लिए हवा, पानी, अन्न, फल व सब्जियों के साथ-साथ अनेक औषधीय पौधे भी दिए हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। वैसे तो हमारे देश में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का एक समृद्ध इतिहास रहा है, लेकिन आज भी ऐसी अनेक वनस्पतियां हैं, जिनकी खूबियों से हम अनजान हैं। हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), इंदौर द्वारा एलोवेरा के पौधे पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि एलोवेरा के फूल के अर्क में ऐसे रासायनिक अवयव होते हैं, जिनका उपयोग सूचना-भंडारण के लिए किया जा सकता है।

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इस तरह लगाया पता

एलोवेरा के फूलों की इस खास खूबी का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक विशेष प्रयोग किया। आइआइटी इंदौर के भौतिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजेश कुमार के मुताबिक, हमने अपने अध्ययन के दौरान एलोवेरा के फूलों के रस में विद्युत प्रवाहित की। इस प्रयोग के नतीजों से पता चला कि इसके रस में इलेक्ट्रानिक मेमोरी के प्रभाव वाले रसायन हैं और आवश्यकता के अनुसार इनकी विद्युत-चालकता को बढ़ाया और घटाया भी जा सकता है।

इस अध्ययन से जुड़ीं शोधकर्ता तनुश्री घोष के मुताबिक, एलोवेरा के फूलों में ऐसे रासायनिक अवयव हैं, जिनसे इलेक्ट्रानिक मेमोरी प्रभावित होती है और बैट्री की मदद से इन रासायनिक अवयवों का उपयोग इलेक्ट्रानिक रूप से डाटा को स्टोर करने में किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि यह अपनी तरह की पहली खोज है, क्योंकि अब तक किसी भी वनस्पति में इस प्रकार का कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। यह अध्ययन आंशिक रूप से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के फंड फार इम्प्रूवमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी इन्फ्रास्ट्रक्चर (एफआइएसटी) विभाग और विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा समíथत हैं। इस अध्ययन को एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजेश कुमार के निर्देशन में तनुश्री घोष, सुचिता कांडपाल, चंचल रानी, मनुश्री तंवर, देवेश पाठक और अंजलि चौधरी द्वारा किए गए इस अध्ययन के निष्कर्ष 'एसीएस एप्लाइड इलेक्ट्रानिक मैटेरियल्स' में प्रकाशित किए गए हैं।

अभी किया जाता है कृत्रिम रसायनों का प्रयोग

डा. राजेश कुमार ने बताया कि मेमोरी चिप जैसे डाटा भंडारण उपकरण बनाने में कृत्रिम रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। इस अध्ययन से कृत्रिम रसायनों के बजाय एलोवेरा के फूलों के रस में मिले प्राकृतिक रसायनों के इस्तेमाल की नई राह खुल सकती है।

इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में उपयोगी साबित हो सकती है यह खोज

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह अध्ययन इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्ट्रानिक उपकरणों के क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध हो सकता है। आइआइटी इंदौर के भौतिकी विभाग के साथ-साथ ग्रामीण विकास एवं प्रौद्योगिकी व एडवांस्ड इलेक्ट्रानिक्स केंद्रों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया यह अध्ययन संस्थान के भारतीय ज्ञान पद्धति के प्रसार को बढ़ावा देने के प्रयासों को भी बल देगा।


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