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जब-जब जूता पांव से निकलकर हाथों में आया तब-तब इसने बवाल ही मचाया!

जूते का काम चलते रहना है। जब तक यह पैर में रहकर चलता है इसकी खूब तारीफ होती है, लेकिन जूता तो जूता है। पैर में है तो सब ठीक है, जैसे ही जूता हाथ में आता है यह मिसाइल बना जाता है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 06:06 PM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 09:24 AM (IST)
जब-जब जूता पांव से निकलकर हाथों में आया तब-तब इसने बवाल ही मचाया!

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। जूते का काम चलते रहना है। जब तक यह पैर में रहकर चलता है इसकी खूब तारीफ होती है, लेकिन जूता तो जूता है। पैर में है तो सब ठीक है, जैसे ही जूता हाथ में आता है यह मिसाइल बना जाता है। हाथ में आने के बाद जब जूता चलता है तो उसकी चाल बड़े-बड़े नेताओं और धुरंधरों को भी आतंकित कर देती है। क्योंकि हाथ में आने के बाद जूता सिर्फ जूता नहीं रह जाता, यह जूता मिसाइल बन जाता है। जिसके ताबड़तोड़ हमले पिछले दो दिन से पाकिस्तान में हो रहे हैं। विरोध स्वरूप हाथ में आकर जब-जब भी यह चला है, इसने बवाल ही मचाया है।

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विरोध जताने के कई तरीके

विरोध जताने के कई तरीके होते हैं। जिनमें धरना प्रदर्शन से लेकर भूख हड़ताल और काम रोको प्रस्ताव तक शामिल हैं। लेकिन पाकिस्तान में इन दिनों विरोध का अनोखा तरीका देखने को मिल रहा है। रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर जूता फेंका गया, जो उनकी कनपट्टी पर जाकर लगा। इसी तरह सोमवार को पूर्व क्रिकेट कप्तान और राजनेता इमरान खान की तरफ भी जूता फेंकने की कोशिश हुई। पिछले ही महीने आंतरिक मंत्री अहसान इकबाल पर भी जूता उछाला गया था। इन घटनाओं ने एक बार फिर विरोध के तरीकों पर नई बहस छेड़ दी है।

नवाज के बाद इमरान पर भी चली जूता मिसाइल

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर रविवार को एक धार्मिक सेमिनार में यह जूता मिसाइल चली। जैसे ही नवाज शरीफ पोडियम की तरफ बढ़े एक व्यक्ति ने उनकी तरफ जूता फेंक दिया। यह जूता नवाज शरीफ के बाएं गाल के पास जाकर लगा। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ ने जूता फेंकने वाले शख्स को पकड़ लिया और उसकी पिटाई भी की गई। सोमवार को पूर्व क्रिकेटर और राजनेता इमरान खान की तरफ भी जूता फेंकने की कोशिश हुई। यहां भी इमरान खान के समर्थकों ने ऐसा करने वाले शख्स को पकड़कर पहले तो उसकी पिटाई की, फिर पुलिस के हवाले कर दिया। पाकिस्तान के अंतरिक मंत्री अहसान इकबाल भी जूता मिसाइल के हमले के शिकार हो चुके हैं। पिछले महीने उनकी तरफ जूता उछाला गया था, हालांकि जूता उन्हें लगा नहीं।

खास लीग में शामिल हुए नवाज और इमरान

नवाज शरीफ और इमरान खान की ख्याति को लेकर न तो हमें कोई संदेह है और न ही आपको होना चाहिए। दोनों अपने देश के बड़े नेता हैं और दुनियाभर में अपनी राजनीति के लिए पहचान रखते हैं। जूता मिसाइल चलने के बाद एक और तरीके से आज यह दोनों नेताओं को ख्याति अंतरराष्ट्रीय हो गई। अब यह दोनों नेता अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, चीन के पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जैसों की श्रेणी में आ गए हैं। कभी न कभी इन सभी नेताओं की तरफ जूता मिसाइल दागी गई थीं।

मेरा बेटा खास लोगों की श्रेणी में आ गया

2010 में स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला पर भी जूता मिसाइल दागी गई। उमर उस वक्त राष्‍ट्रध्‍वज के सम्‍मान में खड़े थे, तभी एक पुलिसकर्मी ने उनकी तरफ जूता उछाल दिया। इस बार भी जूता उमर को नहीं लगा। आनन-फानन में पुलिसकर्मी को बर्खास्त भी कर दिया गया। लेकिन उमर के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्‍दुल्‍लाह ने एक अलग तरह का बयान दिया। उस वक्त उन्‍होंने कहा कि अब मेरा बेटा जॉर्ज बुश, पी. चिदंबरम, मनमोहन सिंह, आसिफ अली जरदारी, वेन जियाबाओ जैसे लोगों की श्रेणी में आ गया है।

जूता मिसाइल के आविष्कारक

जिस जूता मिसाइल से नवाज शरीफ पर हमला किया गया और जो जूता मिसाइल पूरी दुनिया में ख्याति पा चुकी है उसका अविष्कार एक इराकी पत्रकार मुंतजिर अल जैदी ने किया था। जी हां, पहली बार उस समय के दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स कहे जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश पर इस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था। उस समय विरोध का यह बिल्कुल अनोखा तरीका था। इसके बाद तो यह मिसाइल इतनी कुख्यात हो गई कि दुनियाभर में इसका डंका बज गया। भारत में भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से लेकर पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से लेकर कई छोटे-बड़े नेता व अन्य लोग इसके शिकार हुए हैं। जूता मिसाइल के अविष्कारक मुंतजर अल जैदी खुद भी इसके शिकार हो चुके हैं।

खास है जूता मिसाइल

जूता मिसाइल बेहद खास है। इसकी मारक क्षमता जबरदस्त है। बहुत कम ही ऐसे मौके रहे हैं, जब इसने अपने टार्गेट पर अचूक निशाना लगाया है। स्वीडन में इजराइल के राजदूत रहे बेनी डेगन (पांच फरवरी, 2009 को स्टॉकहोम विश्वविद्यालय) के बाद नेताओं की बात करें तो संभवत: नवाज शरीफ इकलौते ऐसे टार्गेट होंगे, जिन पर जूता मिसाइल ने अचूक निशाना लगाया है। अन्यथा यह अपने टार्गेट के आसपास जाकर गिरती है। टार्गेट से चूकने के बाद भी जूता मिसाइल की खास बात यह है कि यह अपना संदेश स्पष्ट शब्दों में दे जाती है। यानी चोट करे न करे, घाव जरूर देती है यह जूता मिसाइल।

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