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सभी दलों का कश्मीर के राजनीतिक समाधान पर जोर

राजनीतिक दल नीतिगत मतभेदों के बावजूद कश्मीर के राजनीतिक समाधान पर एक नजर आए।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 21 Jul 2016 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jul 2016 10:31 PM (IST)
सभी दलों का कश्मीर के राजनीतिक समाधान पर जोर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में अमन बहाली के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में सभी राजनीतिक दल नीतिगत मतभेदों के बावजूद कश्मीर के राजनीतिक समाधान पर एक नजर आए। हालांकि प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस ने बैठक को औचित्यहीन करार देते हुए इसका बहिष्कार किया।

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बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा कि कश्मीर में अमन बहाली के लिए राज्य सरकार की मदद के लिए सर्वदलीय बैठक बहुत जरूरी थी, लेकिन यह बैठक सिर्फ मौजूदा तनाव को शांत करने का एक अल्पकालिक उपाय है। आज शांति हो जाएगी, कुछ दिनों में फिर किसी और मसले पर कश्मीर में अशांति पैदा होगी। कश्मीर में स्थायी अमन बहाली के लिए सभी को मिल बैठकर कश्मीर समस्या का दीर्घकालिक और स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशना होगा। मीर ने कहा कि राज्य सरकार को राजनीतिक समाधान के लिए आम सहमति बनाने के लिए विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए।

हमें मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का इस्तीफा नहीं चाहिए। विपक्ष में रहते हुए महबूबा बहुत ज्यादा सक्रिय थीं, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद हम उनका मौजूदा रूप देखकर हैरान हैं। मीर ने कहा कि बेशक सरकार हालात सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन जमीन पर उनका असर नजर नहीं आता।वहीं पैंथर्स पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह ने कहा कि मौजूदा पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार ही राज्य के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार है। इस सरकार के आने से कश्मीर में राष्ट्रविरोधी तत्वों का बोलबाला हुआ है, सांप्रदायिक तत्व मजबूत हुए हैं। हालात को सामान्य बनाने के लिए मौजूदा गठबंधन सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर यहां राज्यपाल शासन लगाया जाए।माकपा विधायक मुहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि मौजूदा हालात किसी भी तरह से विधि व्यवस्था की समस्या नहीं है।

राज्य सरकार व केंद्र सरकार यही दिखाने का प्रयास कर रही है, जो अनुचित है। तारीगामी ने कहा कि कश्मीर में अमन बहाली का एक ही रास्ता है, कश्मीर समस्या का राजनीतिक समाधान। केंद्र सरकार को कश्मीर के मौजूदा हालात की असलियत और मूल कारणों को समझना होगा। प्रधानमंत्री को संसद में कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए कश्मीरियों को यह संदेश देना चाहिए कि भारत सरकार को कश्मीरियों के दर्द का पूरा अहसास है। मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि वह कश्मीरियों को इंसान समझे और किसी दूसरे मुल्क को मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार ठहरा अपनी जिम्मेदारी से न बचे। कश्मीरियों को डराया नहीं जाए। तारीगामी ने कहा कि अगर पुराने तौर तरीके और पुरानी कहानियां ही दोहराई गई तो आने वाले समय में कश्मीर में हालात बहुत ही ज्यादा खतरनाक होंगे।

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