झारखंड में नक्सलियों ने बंद के दौरान ड्राइवर को गोली मार ट्रक समेत फूंका
पुलिस जुल्म और साथियों की शहादत के विरोध में माओवादियों ने झारखंड-बिहार बंद का आह्वान किया था। बंद का पलामू, गढ़वा को छोड़कर अन्य जिलों बहुत व्यापक प्रभाव नहीं दिखा।
खूंटी/रांची, जेएनएन। झारखंड-बिहार बंद के दौरान खूंटी में नक्सलियों ने दुस्साहस का परिचय देते हुए एक ट्रक ड्राइवर की गोली मारकर हत्या करने के बाद उसे ट्रक समेत जिंदा जला दिया। घटना शुक्रवार को अड़की थाना क्षेत्र के साइको के पास ओलो घाटी में हुई। ड्राइवर जागो सिंह पंजाब के अमृतसर का रहने वाला बताया जा रहा है। पुलिस उसके बारे में और जानकारी जुटाने में लगी हुई है। वहीं, बंद के दौरान घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी नक्सलियों की हनक कम दिखी
पुलिस जुल्म और साथियों की शहादत के विरोध में माओवादियों ने झारखंड-बिहार बंद का आह्वान किया था। बंद का पलामू, गढ़वा को छोड़कर अन्य जिलों बहुत व्यापक प्रभाव नहीं दिखा। साइको वह इलाका है जहां पत्थलगड़ी समर्थकों ने पूर्व में पुलिस और प्रशासन को उस इलाके में प्रवेश करने पर घंटों बंधक बनाया था। बताया जाता है कि राउरकेला से पाइप लेकर ट्रक चालक जागो सिंह जमशेदपुर जा रहा था। खूंटी-तमाड़ नेशनल हाइवे के ओलो घाटी के पास 12 से 15 हथियारबंद नक्सलियों ने पहले ट्रक को रोका और ड्राइवर से चाबी ले ली। चाबी लेने जैसे ही ड्राइवर उसके पास गया, नक्सलियों ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी। साथ ही, उसके शव को ट्रक में डालकर आग के हवाले कर दिया। देखते ही देखते चालक का शव और ट्रक का इंजन व टायर समेत सभी चीजें जलकर खाक हो गर्ई। ट्रक त्रिलोचन सिंह नाम के किसी व्यक्ति की बताई जा रहा है।
घटना के वक्त ट्रक में ड्राइवर अकेला था। दस्तावेज जल जाने के कारण उसका पूरा पता ढूंढने में पुलिस को कठिनाई हो रही है। घटना की सूचना मिलते ही साइको थाना पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि इससे पहले नक्सली भाग चुके थे। साइको थाना पुलिस ने आग बुझाने के लिए जिला मुख्यालय स्थित दमकल को सूचना दी। हालांकि दमकल आने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने आग बुझा ली। घटना की छानबीन करने एसपी अश्रि्वनी कुमार सिन्हा, एसडीपीओ रणवीर सिंह, एसडीएम प्रणव कुमार पाल, प्रशिक्षु डीएसपी अशुतोष कुमार सत्यम और साइको थाना प्रभारी भगवान प्रसाद झा पहुंचे।
खूंटी में नक्सलियों ने इस ट्रक में आग लगाई।
कई जिलों में बंदी का असर नहीं
खूंटी में नक्सलियों द्वारा की गई वारदात को छोड़ दिया जाए तो झारखंड में बंद के दौरान कहीं से किसी बड़ी वारदात की सूचना नहीं। घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी नक्सलियों की हनक कम दिखी। पलामू जैसे घोर नक्सल प्रभावित इलाके के दो प्रखंडों पांकी व मनातू को छोड़ बंद लगभग बेअसर रहा, हां लंबी दूरी की बसें मेदिनीनगर से नहीं चलीं। गढ़वा में भी बंदी का असर नहीं रहा केवल रांची जानेवाली बसें नहीं चलीं। हजारीबाग से चतरा जाने वाली बसें नहीं चलीं और पूरा जिला सामान्य रहा।
सिमडेगा में बंद के दौरान एनएच पर सन्नाटा।
रामगढ़ और कोडरमा में तो बंदी का कोई असर नहीं दिखा। रेल परिचालन सभी जिलों में सामान्य रहा। सिमडेगा व गुमला में बंद प्रभावी रहा, यहां यातायात व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित रहा, शहरी क्षेत्र में भी दुकानें बंद रहीं। लोहरदगा, लातेहार, चतरा में बंद का असर दिखा, लंबी दूरी के वाहन नहीं चले लेकिन ऑटो परिचालन लोगों को राहत देता रहा। जिला मुख्यालय में दुकान-बाजार भी खुले रहे। लोहरदगा, लातेहार, चतरा से कोयला व बॉक्साइट के ढुलाई पर असर पड़ा लेकिन कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।