राजनीति से इतर अखिलेश-डिंपल खोलेंगे होटल और मुलायम सिंह यादव लाइब्रेरी
विक्रमादित्य मार्ग पर जिन स्थानों पर होटल और पुस्तकालय के लिए आवेदन किया गया है वहीं पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी।
लखनऊ [जागरण संवाददाता]। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव की ओर से विक्रमादित्य मार्ग पर हेरिटेज होटल निर्माण के लिए मानचित्र का आवेदन लखनऊ विकास प्राधिकरण में किया गया है। जबकि उनके पिता पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव की ओर से भी विक्रमादित्य मार्ग के एक अन्य प्लॉट पर पुस्तकालय और वाचनालय निर्माण के लिए नक्शे का आवेदन किया गया है।
अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने भूखंड संख्या 1-ए विक्रमादित्य मार्ग पर हिबस्कस हेरिटेज नाम से होटल निर्माण के लिए एलडीए में मानचित्र आवेदन कुछ समय पहले किया था। मानचित्र संबंधित दस्तावेज जमा किए गए हैं। 1-ए विक्रमादित्य मार्ग पर यह बंगला अखिलेश यादव ने पत्नी डिम्पल यादव के साथ मिलकर वर्ष 2005 में ज्वाला रामनाथ पत्नी स्व. कमल रामनाथ से 39 लाख रुपये में खरीदा था।
एलडीए ने इसका फ्री होल्ड भी उसी समय कर दिया था। तब एलडीए के उपाध्यक्ष बीबी सिंह थे। दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव के नाम दर्ज विक्रमादित्य मार्ग स्थित भूखंड में भी वाचनालय और पुस्तकालय का निर्माण होगा। इसके लिए भी मानचित्र पास करने का आवेदन किया गया है।
हाईसिक्योरिटी जोन में है भूखंड
अखिलेश और डिंपल यादव का भूखंड हाई सिक्योरिटी जोन में है। इसमें सात मीटर की ऊंचाई तक ही कोई भी भवन अनुमन्य है। इसमें भी पुलिस विभाग की एनओसी लेनी होगी। इसे देखते हुए ही महज दो मंजिल निर्माण का अनुमति मांगी गई है। विक्रमादित्य मार्ग पर रहेंगे अखिलेश और मुलायम!
विक्रमादित्य मार्ग पर रहेंगे अखिलेश और मुलायम!
विक्रमादित्य मार्ग पर जिन स्थानों पर होटल और पुस्तकालय के लिए आवेदन किया गया है वहीं पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी। हाल ही में विक्रमादित्य मार्ग में अखिलेश और मुलायम के सरकारी आवास सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खाली करवाए गए थे। जिसके बाद दोनों ही सुशांत गोल्फ सिटी के अलग अलग विला में रह रहे हैं। दोनों निर्माण होने के बाद अखिलेश और मुलायम दोबारा विक्रमादित्य मार्ग पर ही रहेंगे।
प्राधिकरण के अधिकारी चुप
होटल और पुस्तकालय के मानचित्र को लेकर प्राधिकरण का कोई भी अधिकारी आधिकारिक तौर पर बोलने के लिए तैयार नहीं है। मगर संबंधित अधिकारियों ने इतना जरूर कहा है कि नियम और प्रक्रिया के हिसाब से सभी अनापत्तियां लेकर ही मानचित्र पास किया जाएगा। पहले एलडीए की ओर से इस मानचित्र पर कुछ आपत्तियां भी दर्ज कराई गई थीं। जिसके बाद में संशोधित मानचित्र जमा कर दिया गया है।
प्राधिकरण की मानचित्र सेल की ओर से प्रस्तावित होटल निर्माण संबंधी मानचित्र पर मुख्य वास्तुविद, नगर निगम, महाप्रबंधक जलकल विभाग, राज्य संपत्ति अधिकारी, संपत्ति विभाग, नजूल अधिकारी, नजूल विभाग व पुलिस महानिदेशक-सुरक्षा उत्तर प्रदेश से अनापत्ति मांगी गयी है।
अखिलेश अपने साथ टोंटियाँ, टाइल्स और ट्यूबलाइट भी ले गए
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस बंगले की साज सज्जा पर सत्ता के शीर्ष पर रहते हुए 42 करोड़ रुपये खर्च किए थे, उसी बंगले को जब उन्हें खाली करना पड़ा तो उन्होंने उसको बुरी तरह से तहस नहस करके रख दिया। उनका यह सरकारी बंगला चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित है। लेकिन अब यह खंडहर में तब्दील हो गया है। उनको इस बंगले को खाली करना इतना नागवार गुजरा कि छतों की फाल सीलिंग या स्वीमिंग पूल में लगी महंगी टाइल्स को या तो तोड़ दिया गया या फिर दीवारों से निकाल लिया गया।
लेकिन जिस बंगले का उन्होंने इतना बुरा हाल किया उसमें एक जगह ऐसी भी थी जिसको किसी ने नहीं छुआ। यह जानकर बेहद ताज्जुब होता है कि ऐसा क्यों। लेकिन इससे पहले हम आपको उस जगह के बारे में बता देते हैं। दरअसल, इस बंगले में हुई उठापठक के बीच बंगले में बने मंदिर को पूरी तरह से छोड़ दिया गया। यह मंदिर जस का तस मिला है।
बंगले में हर चीज बर्बाद
इन दो चीजों के अलावा इस बंगले में हर चीज को बर्बाद कर दिया गया था। हालांकि सपा प्रवक्ता इसको एक साजिश के तहत ले रहे हैं। उनका सवाल है कि आखिर इसी बंगले को मीडियाकर्मियों के लिए क्यों खोला गया। वह अब सरकार से सवाल कर रहे हैं कि आखिर पूर्व सीएम को सरकार की तरफ से क्या-क्या चीजें दी गई थीं। उनका इस सवाल की गूंज अब सियासी गलियारों में भी सुनाई दे सकती है।
सरकार की बदनाम करने की साजिश
सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश ने पत्रकार वार्ता में कहा कि बंगले में वुडेन फ्लोरिंग के साथ ही तमाम चीजें अभी भी जस की तस हैं। बंगले में टूटफूट पर सफाई देते हुए उनका कहना था कि एक टूटे हुए कोने की तस्वीर इस तरह से खींची गई कि लगे कि पूरा बंगला ही खराब कर दिया गया है। उन्होंने इस दौरान यहां तक कहा कि टोंटी अफीमची या भांग खाने वाला ही तोड़ सकता है। इस पत्रकार वार्ता में उन्होंने लगभग हर आरोपों पर सफाई दे। उन्होंने कहा कि अगर स्टेडियम था तो उनका था। यहां पर लगे स्टील स्ट्रक्चर की बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि यह इसलिए ही लगाया गया था कि इसको जरूरत पड़ने पर हटाया जा सके। लेकिन सरकार ने हर जगह की फोटो को इस तरह से पेश किया कि जैसे उन्होंने बंगले को उजाड़ दिया हो।