आकाश प्राइम का किया गया सफल परीक्षण, दुश्मनों के हमले को हवा में मार गिराने में सक्षम है यह मिसाइल
आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण आकाश प्राइम का सोमवार को ओडिशा के तट चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल ने पहले उड़ान परीक्षण में दुश्मन के विमानों की नकल करते हुए एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को रोका और उन्हें नष्ट कर दिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण 'आकाश प्राइम' का सोमवार को ओडिशा के तट चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल ने सुधार के बाद अपने पहले उड़ान परीक्षण में दुश्मन के विमानों की नकल करते हुए एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को रोका और उन्हें नष्ट कर दिया। यह जानकारी डीआरडीओ ने दी।
#WATCH | A new version of Akash Missile – ‘Akash Prime’ successfully tested from Integrated Test Range (ITR), Chandipur, Odisha today. It intercepted & destroyed an unmanned aerial target mimicking enemy aircrafts, in its maiden flight test after improvements
Video source: DRDO pic.twitter.com/Mx1RPBIKla— ANI (@ANI) September 27, 2021
अधिकारियों ने कहा कि आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिए स्वदेशी सक्रिय आरएफ साधक से लैस है, जो यह सुनिश्चित करता है कि जिस लक्ष्य पर मिसाइल दागी गई है, वह हिट हो। आकाश प्राइम में अन्य सुधार भी शामिल किए गए थे जैसे उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करना।
एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा आकाश प्रणाली की तुलना में आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिए एक स्वदेशी सक्रिय आरएफ साधक से लैस है। मौजूदा आकाश प्रणाली का संशोधित ग्राउंड सिस्टम उड़ान परीक्षण के लिए था।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आकाश प्राइम के सफल उड़ान परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और अन्य हितधारकों को बधाई दी।
इस मिसाइल का भारतीय वायुसेना द्वारा दुश्मन के हवाई हमले से निपटने में प्रयोग किया जाएगा। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने तैयार किया है। इस मिसाइल की लंबाई 560 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 35 सेंटीमीटर है। यह मिसाइल 60 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है। आकाश मिसाइल पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम है।
इस मिसाइल के लॉन्च प्लेटफार्म को दोनों पहियों और ट्रक वाहनों के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि आकाश सिस्टम को मुख्य रूप से एक हवाई रक्षा (सतह से हवा) के रूप में बनाया गया है। इस मिसाइल को रक्षा भूमिका में भी टेस्ट किया जा चुका है। इस मिसाइल में कई अत्याधुनिक साजो सामान जोड़े गए हैं तथा अत्याधुनिक साजो सामान से यह मिसाइल लैस है। ऐसे में यदि यह कहा जाए तो असंभव नहीं होगा कि आज के समय की मांग को देखते हुए यह मिसाइल पूरी तरह सक्षम है। इस मौके पर डीआरडीओ तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौजूद था।