बयान पर प्रायश्चित को अजीत पवार का उपवास
सतारा। महाराष्ट्र में सूखे पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद चौतरफा घिरे उप मुख्यमंत्री अजीत पवार अपनी गलती पर प्रायश्चित के लिए रविवार को कराड जिले में एक दिनी उपवास पर बैठे। अजीत पवार ने हाल ही में कहा था कि अगर पानी नहीं है तो क्या हम उसमें पेशाब कर दें। हालांकि, उपवास को खारिज करते हुए भाजपा, शिवसेना और मनसे ने उप मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने को कहा है।
सतारा। महाराष्ट्र में सूखे पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद चौतरफा घिरे उप मुख्यमंत्री अजीत पवार अपनी गलती पर प्रायश्चित के लिए रविवार को कराड जिले में एक दिनी उपवास पर बैठे। अजीत पवार ने हाल ही में कहा था कि अगर पानी नहीं है तो क्या हम उसमें पेशाब कर दें। हालांकि, उपवास को खारिज करते हुए भाजपा, शिवसेना और मनसे ने उप मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने को कहा है।
महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंत राव चह्वाण के स्मारक स्थल पर अजीत ने रविवार को उपवास शुरू किया। विवादित बयान के लिए पहले ही माफी मांग चुके अजीत ने पत्रकारों कहा, 'मेरा उपवास बयान पर पश्चाताप की कोशिश है न कि कोई नाटक। मैं यह स्वीकार करता हूं कि सभी नेताओं को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए।'
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि अजीत ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। वे संवेदनशील हैं और दर्द महसूस करते हैं। माफी मांग लेने के बाद यह अध्याय खत्म हो जाना चाहिए। हालांकि शिवसेना नेता दिवाकर राउते ने कहा कि उपवास की बजाय अजीत को त्यागपत्र देना चाहिए। मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे ने भी कहा कि घटना के बाद पश्चाताप का कोई मतलब नहीं है। भाजपा नेता विनोद तावडे का भी कहना है कि पवार को इस्तीफा देकर सूखा प्रभावित लोगों के लिए काम करना चाहिए। विदर्भ जन आंदोलन समिति ने भी अजीत के उपवास को ढोंग करार दिया है।
संगठन ने आरोप लगाया कि अजीत हजारों करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले के जिम्मेदार हैं, जिसकी वजह से दस हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली। संगठन के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने अजीत के खिलाफ मुकदमे की मांग के साथ साफ कर दिया कि न केवल उप मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जाए बल्कि उन्हें पागलखाने भेज दिया जाना चाहिए।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर