कुंभ के नाम पर व्यावसायिक लाभ उठा रहीं एयरलाइनें, किराए में अंधाधुंध बढोत्तरी
दिल्ली से प्रयागराज और वाराणसी का हवाई किराया 3500-5500 रुपये है। अब न्यूनतम किराया 15-16 हजार और अधिकतम 62-63 हजार रुपये के बीच है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आस्था का व्यावसायिक लाभ कैसे उठाया जा सकता है ये कोई एयरलाइनों से सीखे। कुंभ के नाम पर एयरलाइनों ने प्रयागराज और वाराणसी के किराये अनाप-शनाप बढ़ा दिए हैं।
आस्था का दोहन कर रहीं एयर इंडिया, इंडिगो, जेट एयरवेज, स्पाइस जेट फ्लाइट
सामान्य दिनों में दिल्ली से प्रयागराज और वाराणसी का हवाई किराया 3500-5500 रुपये के बीच रहता है। लेकिन कुंभ के कारण स्थिति एकदम बदल गई है। अब न्यूनतम किराया 15-16 हजार और अधिकतम 62-63 हजार रुपये के बीच है। इस पर भी डायरेक्ट फ्लाइट मिल जाए तो स्वयं को भाग्यशाली समझिए। वरना ज्यादातर उड़ाने ऐसी हैं जो आपको इतना घुमा-फिराकर ले जाएंगी कि आप सोचने को विवश होंगे कि क्यों ट्रेन नहीं ली। इक्का-दुक्का डायरेक्ट फ्लाइट को छोड़ ज्यादातर उड़ाने लखनऊ, पटना, कोलकाता, मुंबई, बंगलूर, अहमदाबाद होते हुए आपको 10-15 घंटे में प्रयागराज अथवा वाराणसी पहुंचाएंगी। कुछ उड़ाने तो ऐसी हैं जो अगले दिन पहुंचाती हैं।
दिल्ली से प्रयागराज, वाराणसी के किराये सामान्य से 10-15 गुना बढ़े
मंगलवार को दिल्ली-प्रयागराज की 1 फरवरी की सुबह सवा दस बजे की स्पाइस जेट फ्लाइट 16,100 रुपये में बुक हो रही थी। ये एक घंटा 5 मिनट लेती है। एयर इंडिया की चार उड़ाने सुबह से शाम तक उपलब्ध हैं। सुबह 6:50 की फ्लाइट ही 15,092 रुपये में उपलब्ध थी। लेकिन ये कोलकाता होकर प्रयागराज पहुंचने में 9 घंटा, 40 मिनट का समय लेती है। एयर इंडिया की बाकी तीन फ्लाइटें 17 हजार से 25 हजार रुपये में थीं। इनमें केवल सुबह 9:50 की फ्लाइट ही डायरेक्ट है, बाकी शाम की दोनो उड़ाने वाया अहमदाबाद होने के कारण दस से बीस घंटे का समय लेंगी।
इंडिगो की इलाहाबाद के लिए सुबह चार उड़ाने हैं। जबकि जेट एयरवेज दिन भर तकरीबन एक दर्जन उड़ाने संचालित करती है। इंडिगो का किराया 31 हजार से लेकर 35 हजार रुपये के बीच हैं। वहीं जेट एयरवेज का न्यूनतम किराया 43 हजार रुपये और अधिकतम 64 हजार रुपये है।
13 जनवरी तक दिए सस्ते ऑफर, अब उठा रहीं मजबूरी का फायदा
इस विषय में पूछे जाने पर कोई भी एयरलाइन ऑन-रिकार्ड कुछ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन स्पाइसजेट के एक अधिकारी ने कहा कि बाजार व्यवस्था में मांग के अनुसार किरायों में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। सस्ती बुकिंग के इच्छुक लोगों को 13 जनवरी तक एयरलाइनों द्वारा पेश किए गए सस्ते ऑफर का लाभ उठाते हुए अग्रिम बुकिंग करा लेनी चाहिए थी।
एयर इंडिया के प्रवक्ता का कहना था कि हम निजी एयरलाइनों की भांति किराये नहीं बढ़ा सकते हैं, लेकिन मांग का असर तो सब पर पड़ता है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक 'उड़ान' स्कीम के तहत सरकार एयरलाइनों को सब्सिडी के साथ सहूलियतें दे रही है। इसके बावजूद एयरलाइनें यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाने से नहीं चूक रहीं। संसदीय समितियां भी इस मुद्दे को उठा चुकी हैं। लेकिन कुछ होता नहीं है। बाजार व्यवस्था के नाम पर मनमानी हो रही है।