लड़ाकू विमानों ने 2500 से 4000 किमी. दूरी पर भी साधे सटीक निशाने
आठ से 22 अप्रैल तक चलने वाले इस 15 दिवसीय अभ्यास में भारतीय महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के मद्देनजर तैयारियां जांची जा रही हैं।
सिरसा/हिसार (जागरण संवाददाता)। भारतीय वायुसेना ने दशक के सबसे बड़े वायुसेना अभ्यास 'गगन शक्ति' के तहत सिरसा में अपनी ताकत को परखा। आठ से 22 अप्रैल तक चलने वाले इस 15 दिवसीय अभ्यास में भारतीय महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के मद्देनजर तैयारियां जांची जा रही हैं। इसमें लड़ाकू विमान एसयू-30 का बेड़ा 4000 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेदकर वापस आने में पूरी तरह कामयाब रहे हैं। हवा में ही लड़ाकू विमानों में ईन्धन भरे जाने व दूसरी क्षमताओं की कसौटी भी नापी जा रही हैं।
मेगा अभ्यास के तहत शनिवार को रक्षा सचिव संजय मित्रा व वायु सेना के वाइस एयर चीफ मार्शल एसबी देव सिरसा आए। यहां उन्होंने मेगा अभ्यास का जायजा लिया और सुखोई विमान से उड़ान भरी। शनिवार को ही भारतीय वायुसेना के एसयू-30 लड़ाकू विमानों ने पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक लक्ष्य भेदे। 2500 से 4000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों पर सटीक निशाने साधे।
आइएल-78 विमान ने लड़ाकू विमानों में आकाश में ही ईंधन भरा, जिसके तहत लड़ाकू जहाजों की लंबी दूरी की क्षमता को जांचा जा सका। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के पी-8आइ विमानों की भी मदद ली गई। भारतीय वायुसेना की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि मित्रा व देव सुखोई विमान से पैराशूट के जरिये जम्मू के समीप जमीन पर भी उतरे।
इस अभ्यास का लक्ष्य भविष्य में आने वाली चीन व पाकिस्तानी सैन्य मुकाबले का है। दूसरे देशों की रक्षा चुनौतियों से निपटने के मद्देनजर ही गगन शक्ति ऑपरेशन को समुद्री व वायु क्षेत्र में अभ्यास कर सैन्य ताकत को जांचा जा रहा है। दिन-रात का यह अभ्यास नेवी के साथ मिलकर किया जा रहा है।