सरकारी एजेंसियों को अब उधार टिकट नहीं देगी Air India, जानें क्या है वजह
एयर इंडिया के इस फैसले के अब सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को अन्य सामान्य यात्रियों की तरह ही एयर इंडिया का टिकट खरीद कर यात्रा करनी पड़ेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अब उधार पर काम चलाने वाले सरकारी एजेंसियों पर रुख सख्त किया है। विमानन कंपनी ने ऐसी सरकारी एजेंसियों को उधार टिकट देने मना कर दिया है, जिन पर 10 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है। इनमें सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां शामिल हैं।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा, 'सीबीआइ, ईडी, इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, सेंट्रल लेबर इंस्टीट्यूट, बीएसएफ और इंडियन ऑडिट बोर्ड समेत विभिन्न सरकारी एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है कि उनके अधिकारियों को उधार पर टिकट जारी नहीं किया जाएगा। इन सभी एजेंसियों पर एयर इंडिया का 10 रुपये से ज्यादा का बकाया है।' अब इन सरकारी एजेंसियों के अधिकारी अन्य सामान्य यात्रियों की तरह ही एयर इंडिया का टिकट खरीद सकेंगे। विभिन्न सरकारी एजेंसियों पर एयर इंडिया का कुल बकाया 268 करोड़ रुपये है। एयरलाइन ने इन एजेंसियों से करीब 50 करोड़ रुपये वसूले हैं।
एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 8,556 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी का कुल कर्ज अभी 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। पांच दिसंबर को केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद को बताया था कि एयर इंडिया में विनिवेश के लिए अभिरुचि पत्र आमंत्रित करने के लिए पीआइएम तैयार किया जा रहा है।
जनवरी के अंत में मंगाई जा सकती है बोली
एयर इंडिया में विनिवेश के लिए विनिवेश विभाग सर्दियों की छुट्टी के बाद अभिरुचि पत्र जारी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, 10 जनवरी के बाद कभी भी इस संबंध में कदम बढ़ाया जा सकता है। इसमें विदेशी खरीदारों को लुभाने का प्रयास किया जाएगा। निवेशकों को लुभाने के लिए हाल ही में सिंगापुर और लंदन में रोडशो किया गया था। सरकार इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है।
हड़ताल की तैयारी में कर्मचारी
अपने भविष्य को लेकर चिंतित एयर इंडिया कर्मचारी अब हड़ताल का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। मुंबई में एयर इंडिया यूनियनों और अन्य कर्मचारी संगठनों की बैठक में दो विकल्पों पर विचार हुआ है। इसमें एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाने या हड़ताल पर जाने के विकल्पों पर बात हुई। अंतिम फैसले के लिए अभी और चर्चा होगी। अगर हड़ताल का रास्ता चुना गया तो इसकी शुरुआत आठ जनवरी से हो सकती है।