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पीएम मोदी के नए विमान बी-777 में होगी अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली

बोइंग सितंबर में एयर इंडिया को सौंपेगा दो विमान दोनों विमानों का परिचालन वायुसेना के पायलट करेंगे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 05:38 PM (IST)
पीएम मोदी के नए विमान बी-777 में होगी अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली
पीएम मोदी के नए विमान बी-777 में होगी अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष भारतीय गणमान्य लोगों को लाने और ले जाने के लिए विशेष रूप से निर्मित दो बी-777 विमान सितंबर तक बोइंग कंपनी की ओर से एयर इंडिया को सौंपे जाएंगे। पीएम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन विमानों को मिसाइलों से लैस किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्य तौर पर कोविड-19 के कारण इन दो विमानों की आपूर्ति में कुछ देरी हुई है। दो विमान की आपूर्ति सितंबर तक की जा सकती है।

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इन बी-777 विमानों में अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली होंगी जिन्हें लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (एलएआइआरसीएम) और सेल्फ प्रोटेक्शन सूट्स (एसपीएस) कहा जाता है। इन दो बी-777 विमान का परिचालन एयर इंडिया के नहीं बल्कि भारतीय वायु सेना के पायलट करेंगे। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि नये विशाल विमानों के रखरखाव का जिम्मा एयर इंडिया की सहायक कंपनी एयर इंडिया इंजीनियरिंग लिमिटेड (एआइईएसएल) का होगा।

गौरतलब है कि वर्तमान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एयर इंडिया के बी-747 विमानों से यात्रा करते हैं, जिनपर एयर इंडिया वन-1 का चिह्न होता है। एयर इंडिया के पायलट इन बी-747 विमानों को उड़ाते हैं और एआइईएसएल उनका रखरखाव करता है। जब ये बी-747 विमान इन गणमान्य लोगों को लेकर उड़ान नहीं भरते तब उनका इस्तेमाल भारतीय राष्ट्रीय परिवाहक व्यावसायिक परिचालनों के लिए करता है।इन नए विमानों का इस्तेमाल केवल गणमान्य लोगों की यात्रा में किया जाएगा।

यह दोनों विमान 2018 में कुछ महीनों के लिए एयर इंडिया के व्यावसायिक बेड़े का हिस्सा थे, जिसके बाद उन्हें वीवीआइपी यात्राओं के लिए नए पुर्जे जोड़ने के लिए बोइंग को वापस भेज दिया गया था। बी-777 विमानों में अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली होंगी जिन्हें लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (एलएआइआरसीएम)और सेल्फ प्रोटेक्शन सूट्स (एसपीएस) कहा जाता है।

फरवरी में अमेरिका ने भारत को यह दो रक्षा प्रणालियां 19 करोड़ डॉलर की कीमत पर बेचने की सहमति दी थी। केंद्र सरकार ने एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी की विनिवेश की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है जिसके ऊपर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते यह टल गया है।


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