Kerala Plane Crash: जिस हवाई अड्डे में हुआ भीषण विमान हादसा, सरकार ने 2011 में ही किया था अलर्ट
Kerala Plane Crash कर्नाटक के मंगलोर में हुए 2010 के हादसे के एक साल बाद डीजीसीए ने कोझिकोड समेत देश के11 हवाई अड्डों को हाई रिस्क में चिन्हित किया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। Kerala Plane Crash: केरल के कोझिकोड में एयर इंडिया विमान हादसे ने एक बार फिर शासन और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने 2011 में ही इस हवाई अड्डे को 'हाई रिस्क' में चिन्हित करके अलर्ट किया था। हालांकि कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे के कारण का पता लगाना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। विमानन उद्योग के विशेषज्ञ इस ओर इशारा करते हैं कि एयरपोर्ट को नौ साल पहले ही हाई रिस्क में चिन्हित किया गया था। यह हादसा भी 2010 में कर्नाटक के मैंगलोर हवाई अड्डे के हादसे के सामान ही है। उस हादसे में भी एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान शामिल थी, जिसमें 158 लोगों जान गई थी।
2010 के हादसे के एक साल बाद डीजीसीए ने कोझिकोड के समेत 11 हवाई अड्डों को हाई रिस्क में चिन्हित किया था। केरल के कोझीकोड के अलावा, लेह, कुल्लू, शिमला, पोर्ट ब्लेयर, अगरतला, लेंगपुई, मैंगलोर, जम्मू, पटना और लातूर के हवाई अड्डों का नाम 'हाई रिस्क' की सूची में रखा गया था।
खराब मौसम में रनवे पर विमान को लैंड कराना होता है खतरनाक
बता दें कि कोझिकोड हवाई अड्डा मैंगलोर की तरह एक पहाड़ी पर स्थित एक टेबल-टॉप हवाई अड्डा है। इन हवाई अड्डों में उड़ान के लिए पायलटों से अतिरिक्त युद्धाभ्यास की आवश्यकता होती है। यह तब और भी कठिन हो जाता है जब मौसम खराब होता है।
जुलाई 2019 में हादसा होने से था बचा
जुलाई 2019 के दौरान भी कोझिकोड में हादसा होने से बच गया था। उस दौरान भी एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट थी। जब लैंडिंग के दौरान विमान का पिछला हिस्सा रनवे को छू गया था। सौभाग्य से विमान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और सभी यात्री सुरक्षित थे।
गौरतलब है कि सात अगस्त यानी शुक्रवार को हुए इस विमान हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई जिसमें दोनों पायलट शामिल हैं। विमान में कुल 191 लोग सवार थे। इनमें 174 यात्री, 10 नवजात, दो पायलट और पांच क्रू मेंबर शामिल हैं। हादसे में 123 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई की हालत नाजुक बनी हुई है।