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वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी बोले- 6 LCA Mark2 लड़ाकू स्क्वाड्रनों को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है IAF

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी का कहना है कि भारतीय वायु सेना लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2 फाइटर जेट्स के छह स्क्वाड्रन को शामिल करने के लिए प्रतिबद्धता है। इन विमानों का उत्पादन शुरू होने के बाद और विमान लेने के बारे में फैसला करेंगे।

By Achyut KumarEdited By: Published: Mon, 18 Jul 2022 10:52 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jul 2022 10:52 AM (IST)
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (फोटो- एएनआइ)

नई दिल्ली, एजेंसी। स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रमों का पूरी तरह से समर्थन करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal VR Chaudhari) ने सोमवार को कहा कि भारतीय वायु सेना ने पहले ही एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमानों के विकास के तहत छह स्क्वाड्रन खरीदने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जता दी थी। उन्होंने कहा कि उत्पादन शुरू होने के बाद इन विमानों के लिए और आर्डर दिया जाएगा। 

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उत्पादन शुरू होने के बाद अतिरिक्त संख्या पर फैसला

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने एएनआइ को बताया, 'भारतीय वायु सेना पहले ही लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2 फाइटर जेट्स के छह स्क्वाड्रन को शामिल करने के लिए प्रतिबद्धता दे चुकी है। इन विमानों का उत्पादन शुरू होने के बाद हम अतिरिक्त संख्या पर फैसला करेंगे।'

LCA मार्क 1A के चार स्क्वाड्रनों के लिए IAF ने दिए आर्डर

IAF ने LCA मार्क 1A के चार स्क्वाड्रनों के लिए पहले ही आर्डर दे दिए हैं और पांचवीं पीढ़ी के भारतीय लड़ाकू एडवांस्ड मीडियम काम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के कम से कम सात स्क्वाड्रन को शामिल करने की दिशा में प्रतिबद्ध है, जो बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। LCA मार्क 2 फाइटर, मिराज 2000 और जगुआर फाइटर्स की जगह लेने के लिए तैयार है, जब वे एक दशक के बाद चरणबद्ध तरीके से समाप्त होने वाले हैं।

मेक इन इंडिया के तहत विमान को शामिल करने पर विचार

भविष्य में शामिल होने के लिए भारतीय वायुसेना की योजनाओं पर विवरण साझा करते हुए, एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा था कि बल केवल मेक इन इंडिया योजना के तहत विमान को शामिल करने पर विचार कर रहा है जिसमें एलसीए मार्क 1 ए, एलसीए मार्क 2, एएमसीए के साथ 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमान शामिल हैं।

हथियार प्रणालियां भारत में बनाई जाएंगी

IAF ने यह भी फैसला किया है कि उसकी सभी भविष्य की सतह से हवा में जमीन पर मार करने वाली हथियार प्रणालियां भारत में बनाई जाएंगी। बड़ी संख्या में स्वदेशी रडार पहले ही परिचालन क्षेत्रों में तैनात किए जा चुके हैं। 


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