बिना चीरफाड़ के हो जाएगा पोस्टमार्टम, एम्स और ICMR कर रहे नई तकनीक पर काम
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद अब ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसमें शव का बिना चीरफाड़ किए पोस्टमार्टम किया जा सकेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। डॉक्टर को अभी किसी शव का पोस्टमार्टम करने के लिए उसकी चीरफाड़ करनी पड़ती है। इसीलिए कई बार मृतक के परिजन इसका विरोध करते हैं। हालांकि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद अब ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसमें शव का बिना चीरफाड़ किए पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने इसकी जानकारी दी है।
हर्षवर्धन ने राज्यसभा में बताया कि एम्स और आइसीएमआर मिलकर ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिससे पोस्टमार्टम करते समय चीरफाड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका एक मकसद शवों का गरिमामय तरीके से निस्तारण भी है। स्वास्थ्य मंत्री ने संसद के प्रश्नकाल में विभिन्न पूरक सवालों के जवाब में कहा कि इस तकनीक के अगले छह महीने में शुरू होने की उम्मीद है।
हर्षवर्धन ने बताया कि रिकॉर्ड समीक्षा के लिए ऐसे सभी पोस्टमार्टम के कस डिजिटल रूप से संग्रहीत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से शव परीक्षण की लागत और समय दोनों ही कम लगेगा। एक शव का परीक्षण पूरा करने के लिए केवल 30 मिनट लगेंगे, वहीं सामान्य पोस्टमार्टम में ढाई घंटे का समय लगता है। उन्होंने बताया कि नई तकनीक की सुविधा शुरुआत में एम्स में होगी, लेकिन कुछ समय बाद अन्य अस्पतालों में भी इसे शुरू किया जाएगा।
बता दें कि यह तकनीक स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, नार्वे सहित कई देशों में विकसित हो चुकी है। हर्षवर्धन ने बताया कि अभी एम्स में हर साल करीब तीन हजार शव परीक्षण किए जाते हैं और काफी समय इसमें लगता है। हालांकि, नई तकनीक से डॉक्टरों का काफी समय बचेगा।